पटना : राज्य सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने की मुहिम के तहत सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई की है. इसके तहत आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुजफ्फरपुर के एसएसपी विवेक कुमार के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने छापेमारी की है.
उनकी आय के सभी ज्ञात स्रोतों से 300% से ज्यादा की अवैध संपत्ति का पता चला है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी है. एसवीयू की अलग-अलग टीमों ने उनके मुजफ्फरपुर स्थित आवास के अलावा यूपी में दो स्थानों सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में एक साथ छापेमारी की. दोपहर करीब दो बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई देर शाम तक चली. हालांकि कार्रवाई पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि कुल कितने की अवैध संपत्ति बरामद हुई है.
शुरुआती जांच के आधार पर उनके मुजफ्फरपुर स्थित सरकारी आवास से 45 हजार मूल्य के पुराने नोट मिले हैं. ये सभी नोट नोटबंदी के पहले के 500 और एक हजार रुपये के नोट हैं, जो इनके आवास में एक बैग में रखे हुए थे. इसके अलावा साढ़े पांच लाख रुपये के जेवर और छह लाख रुपये कैश भी मिला है. कई स्थानों पर निवेश के दर्जनों कागजात भी बरामद हुए हैं. फिलहाल इनकी जांच चल रही है.
2007 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक कुमार का यूपी के सहारनपुर में इनका पैतृक घर है, जबकि, मुजफ्फरनगर में ससुराल है. इन दोनों स्थानों पर देर शाम से सर्च शुरू हो सका. इसकी वजह थी कि टीम जब वहां पहुंची, तो घर में कोई नहीं था. उन्हें फोन करके बुलाया गया.
इसके बाद हर तरह से उन्हें समझाने के बाद ही यहां कार्रवाई शुरू हो सकी है. जबकि मुजफ्फरपुर में उनका आवास होने के कारण यहां कार्रवाई तुरंत ही शुरू हो सकी. यहां दोपहर को टीम जैसे ही पहुंची, परिवार के सभी सदस्यों को एक कमरे में बैठा कर उनका मोबाइल बंद करवा कर छापेमारी की प्रक्रिया शुरू की गयी.
सास-ससुर के बैंक खातों में किये सैकड़ों ट्रांजेक्शन
एसएसपी विवेक कुमार ने सास-ससुर और साला-साली के दर्जनों बैंक खातों में लाखों रुपये का लेन-देन किया है. ये रुपये इनके खाताें में जमा करने के कुछ दिनों बाद ही फिर से विवेक कुमार के खातों में ट्रांसफर कर दिये जाते थे.
इस ब्लैक मनी को ठिकाना लगाने के लिए यह उपाय किया गया. फिलहाल इस तरह के सैकड़ों ट्रांजैक्शन की जांच गहराई से की जा रही है, ताकि ब्लैक मनी के पूरे रूट का पता किया जा सके. अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि इनकी तमाम आमदनी के स्रोतों को मिलाकर आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) के हिसाब से दो करोड़ छह लाख रुपये है. इस आधार पर एक करोड़ 56 लाख की कुल बचत इनकी होनी चाहिए थी और इसी के आधार पर इनकी संपत्ति होनी चाहिए थी.
जबकि वास्तविकता में इनके पास सिर्फ बैंक बैलेंस, फिक्स डिपॉजिट और इंश्योरेंस में ही इससे ज्यादा रुपये का निवेश है. इनके घर, जमीन, गहने, शेयर और कैश को इसमें जोड़ देने पर यह सैकड़ों गुना बढ़ जाता है. इस तरह से इनकी काली कमाई में करोड़ों रुपये की बढ़ोतरी पायी गयी है, जिसकी जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि कुल कितने की गड़बड़ी सामने आयी है.
पहले एसएसपी, जिन पर हुई कार्रवाई
राज्य में यह पहला मामला है, जब किसी जिले के मौजूदा एसएसपी रैंक के किसी अधिकारी के खिलाफ एसवीयू या अन्य किसी जांच एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की है. किसी एसएसपी आवास को पहली बार इस तरह से सर्च किया गया है. हालांकि पिछले दो साल के दौरान एसएसपी विवेक कुमार तीसरे अाला रैंक के अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति में कार्रवाई हुई है.
इसी वर्ष जनवरी में सारण के तत्कालीन डीएम आईएएस अधिकारी दीपक आनंद के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के तहत कार्रवाई की गयी थी. इससे कुछ महीने पहले 2017 में सीबीआई ने औरंगाबाद तत्कालीन डीएम कंवल तनुज पर भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई हुई है.
45 हजार के पुराने नोट, साढ़े पांच लाख के जेवर
छह लाख कैश व निवेश के दस्तावेज बरामद
—शराब माफियाओं से साठगांठ का भी चला पता
जांच में मुजफ्फरपुर इलाके के कुछ अवैध शराब माफियाओं से भी उनके साठगांठ का पता चला है. कुछ माफियाओं के फोन नंबर और उनसे लगातार बात करने के सबूत भी उनके मोबाइल में मिले हैं. हालांकि पुलिस महकमे के आला अधिकारी फिलहाल इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. इस मामले में आगे की तफ्तीश चल रही है.
तीन जगहों पर एक साथ छापेमारी
1. मुजफ्फरपुर स्थित सरकारी आवास
2. यूपी के सहारनपुर स्थित पैतृक घर
3. यूपी के मुजफ्फरनगर स्थित ससुराल