महादलित टोले में 500 आबादी पर एक मैट्रिक पास
मनियारी : पिछले कई वर्षों से सरकार की ओर से साक्षरता अभियान की डुगडुगी बज रही है. नुक्कड़ नाटक व गीत-संगीत से शिक्षा का प्रचार किया जा रहा है. मगर इसका असर गांव के टोला व मुहल्ले में कितना पड़ रहा है, इस बात का अंदाजा कुढ़नी की अख्तियारपुर पंचायत के वार्ड 6 महादलित टोले […]
मनियारी : पिछले कई वर्षों से सरकार की ओर से साक्षरता अभियान की डुगडुगी बज रही है. नुक्कड़ नाटक व गीत-संगीत से शिक्षा का प्रचार किया जा रहा है. मगर इसका असर गांव के टोला व मुहल्ले में कितना पड़ रहा है, इस बात का अंदाजा कुढ़नी की अख्तियारपुर पंचायत के वार्ड 6 महादलित टोले से लगाया जा सकता है.
महादलित बहुल इस टोले की आबादी लगभग 500 है. मगर मैट्रिक पास एक मात्र अर्जुन राम हैं. इसके अलावा कोई साक्षर नहीं है. बावजूद उसने अपने माथे से निरक्षरता का कलंक धो लिया है. वह फिलहाल लुधियाना में कंपनी में चादर बनाने का कार्य कर रहा है. पढ़ाई का श्रेय पिता सुरेंद्र राम को देता है. उन्होंने गांव में मजदूरी करके पढ़ाया.
सुरेंद्र राम ने बताया कि तीनों पुत्र में अर्जुन बचपन से पढ़ाई में लगाव रखता था. गरीबी के कारण आगे की शिक्षा पूरी नहीं कर पाया. टोला के किशोर देवेंद्र राम, रमण राम, प्रदीप राम, सकलदीप राम, रोहित राम, रवीना कुमारी, अर्जुन से प्रेरित होकर पढ़ाई कर रहे हैं. अर्जुन की भतीजी नीतू चौथी कक्षा में पढ़ती है. कहती है कि चाचा मुझे सारा खर्चा देते हैं.
आंगनबाड़ी सेविका सुधा कुमारी का कहना है कि यहां के बच्चे पढ़ना नहीं चाहते हैं. केंद्र में कपड़े या किसी लाभ का वितरण होता है, तो परिजन बच्चों के साथ आकर झगड़ने लगते हैं. वार्ड सदस्य कांति देवी पाने बताया कि यहां गरीबी व जागरूकता की कमी के कारण बच्चे शिक्षा से दूर हैं.
स्थानीय लालजी राम, सुनील राम, संजीव राम, वीरेंद्र राम व दिव्यांग राजेश राम का कहना है कि टोला में अबतक शिक्षा से संबंधित अभियान, नुक्कड़ नाटक का आयोजन नहीं किया गया.
मुखिया प्रेमचंद सहनी का कहना है कि गांव में विद्यालय है, लेकिन बच्चे पढ़ने नहीं जाते. टोले के लोग पूर्णतया मजदूरी पर आश्रित हैं. पढ़ाई के प्रति उदासीनता की मूल वजह गरीबी है.बीइओ चक्रवर्ती हरिकांत सुमन ने बताया कि गांव का सर्वे कराकर अशिक्षित लोगों की सूची बना सर्वशिक्षा अभियान को सौंपा जायेगा.