मुजफ्फरपुर : रहिए सतर्क, किसी तरह का बुखार हो सकता है मलेरिया

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में विश्व मलेरिया दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें एसीएमओ डॉ सुधा श्रीवास्तव ने मरीजों को मलेरिया से बचाव व फैलने के कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. गर्मी के मौसम में जलजनित बीमारी के साथ वायरल बुखार पैर पसारने लगता है. समय पर इसका इलाज नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2018 6:07 AM
मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में विश्व मलेरिया दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें एसीएमओ डॉ सुधा श्रीवास्तव ने मरीजों को मलेरिया से बचाव व फैलने के कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. गर्मी के मौसम में जलजनित बीमारी के साथ वायरल बुखार पैर पसारने लगता है. समय पर इसका इलाज नहीं होने पर मलेरिया होने की संभावना बनी रहती है.
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि किसी भी तरह का बुखार मलेरिया हो सकता है. इसलिए लोगों का बीमारी के प्रति जागरूक होना जरूरी है, ताकि बीमार होने से बचा जा सके. उन्होंने बताया कि एनाॅफ्लीज मच्छर के काटने से मलेरिया होता है. यह मच्छर कहीं पर भी जमा पानी में पैदा होता है, जबकि डेंगू का मच्छर एडिस साफ पानी में पैदा होता है. इसलिए बुखार होने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर रक्त की जांच अवश्य कराएं. इस मौके पर डॉ एके श्रीवास्तव, अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार समेत अस्पतालकर्मी मौजूद थे.
प्रसव कम होने पर सीएस ने स्त्री रोग विशेषज्ञों से मांगा जवाब
मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल में प्रसव की संख्या में आयी कमी पर सीएस डॉ ललिता सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है. सीएस ने सदर अस्पताल की सभी स्त्री रोग विशेषज्ञों से स्पष्टीकरण मांगा है. सीएस ने कहा है कि जवाब संतोषप्रद नहीं हुआ, तो प्रधान सचिव को सूचना दी जायेगी.
अप्रैल में 17 दिनों में डेढ़ सौ नॉर्मल प्रसव हुए हैं, जबकि मात्र नौ प्रसव ऑपरेशन से हुए. कम-से-कम 20 प्रसव होना चाहिए था. इसी तरह एक महीने में साढ़े तीन सौ नॉर्मल प्रसव होते हैं. लेकिन ऑपरेशन से प्रसव की संख्या 10 के आसपास है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो 300 प्रसव पर ऑपरेशन का आंकड़ा 50 के करीब होना चाहिए. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि अगर किसी महिला का प्रसव ऑपरेशन से होना है, तो उसके पहले कोशिश होती है. अगर परिजन नहीं माने, तो इलाज में लापरवाही का डर पैदा कर दिया जाता है. इस तरह के मरीजों के साथ व्यवहार भी ठीक नहीं होता है.
एक अप्रैल को प्रधान सचिव संजय कुमार ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान हर माह में औसतन 300 से 350 तक नाॅर्मल प्रसव पाया गया. ऑपरेशन से मात्र नौ प्रसव हो रहे हैं. इस पर प्रधान सचिव ने सीएस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ विजय कुमार सिन्हा ने डॉक्टरों के साथ बैठक कर इसमें सुधार करने को कहा था. लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुई. सीएस ने कहा कि डॉक्टर इसमें सुधार नहीं करते हैं, तो अब प्रधान सचिव को कार्रवाई के लिए लिखा जायेगा.

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