बीएड के एडमिशन में खत्म होगी कॉलेजों की मनमानी

राज्य स्तर पर बनेगी मेरिट लिस्ट, विश्वविद्यालयों का कम होगा बोझ मुजफ्फरपुर : सूबे में पहली बार हो रहे बीएड के कंबाइंड इंट्रेंस टेस्ट से कॉलेज प्रबंधन के साथ ही विश्वविद्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी खत्म हो जायेगी. राज्यपाल के निर्देश पर बीएड के लिये सेंट्रलाइज व्यवस्था की जा रही है. राज्य स्तर पर ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2018 8:57 AM
राज्य स्तर पर बनेगी मेरिट लिस्ट, विश्वविद्यालयों का कम होगा बोझ
मुजफ्फरपुर : सूबे में पहली बार हो रहे बीएड के कंबाइंड इंट्रेंस टेस्ट से कॉलेज प्रबंधन के साथ ही विश्वविद्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी खत्म हो जायेगी. राज्यपाल के निर्देश पर बीएड के लिये सेंट्रलाइज व्यवस्था की जा रही है.
राज्य स्तर पर ही मेरिट तैयार करके काउंसेलिंग के बाद अभ्यर्थियों की सूची विश्वविद्यालयों को भेजी जायेगी. ऐसे में कॉलेजों की मनचाहा एडमिशन लेने की आजादी खत्म हो जायेगी. अभी तक विवि स्तर पर ही बीएड का एडमिशन लिया जाता रहा है.
राजभवन के आदेश पर एडमिशन की प्रक्रिया बदली जा रही है.राज्य में पहली बार बीएड कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट के आयोजन की जिम्मेदारी नालंदा खुला विश्वविद्यालय को दी गयी है. हालांकि सभी विश्वविद्यालय और राज्य स्तर पर अलग-अलग नोडल पदाधिकारी होंगे.परीक्षा के 30 दिनों के अंदर रिजल्ट घोषित कर दिया जायेगा.
बीआरएबीयू से होता है 53 कॉलेजाें में एडमिशन : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से जुड़े 53 कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई होती है. इसमें तीन सरकारी कॉलेज हैं, जबकि 50 निजी बीएड कॉलेज हैं.
पिछले साल ही खत्म हो गया मैनेजमेंट कोटा : निजी बीएड कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे से चहेते अभ्यर्थियों का एडमिशन लिया जाता था. पिछले साल बीआरएबीयू ने इंट्रेंस एग्जाम कराया व मेरिट तैयार करके कॉलेजवार लिस्ट जारी की. इसको लेकर कॉलेज प्रबंधन में काफी नाराजगी भी थी.
कॉलेजों की खत्म हो जायेगी आजादी: बीएड में एडमिशन को लेकर सेंट्रलाइज व्यवस्था होने से कॉलेजों की आजादी भी खत्म हो जायेगी. पहले कॉलेजों में निर्धारित सीट का 30 से 40 प्रतिशत मैनेजमेंट कोटा रखा जाता था. अब सेंट्रलाइज व्यवस्था होने के बाद कॉलेजों की आजादी पूरी तरह खत्म हो जायेगी.

Next Article

Exit mobile version