डीआरएम साहब, ओपेन नाला में मल-मूत्र बहाव से प्रदूषित हो रहा पर्यावरण

मुजफ्फरपुर : स्टेशन रोड के ओपेन नाला में बह रहे रेलवे के शौचालय के मल-मूत्र को लेकर नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर सोनपुर रेल मंडल प्रशासन को पत्र लिखा है. नगर आयुक्त संजय दूबे ने डीआरएम अतुल्य सिन्हा को पत्र लिख उन्हें 15 दिनों के अंदर रेलवे परिसर में बने शौचालय का मल-मूत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2018 5:15 AM
मुजफ्फरपुर : स्टेशन रोड के ओपेन नाला में बह रहे रेलवे के शौचालय के मल-मूत्र को लेकर नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर सोनपुर रेल मंडल प्रशासन को पत्र लिखा है. नगर आयुक्त संजय दूबे ने डीआरएम अतुल्य सिन्हा को पत्र लिख उन्हें 15 दिनों के अंदर रेलवे परिसर में बने शौचालय का
मल-मूत्र ओपेन नाला में बहाने से रोकने को कहा है. निगम ने रेलवे को छह माह में चौथी बार पत्र लिखा है, लेकिन रेलवे पर इसका कोई असर नहीं हुआ. मुजफ्फरपुर जंक्शन का निरीक्षण करने पहुंचे डीआरएम ने पिछले महीने स्टेशन रोड व रेलवे परिसर में बने शौचालय का निरीक्षण किया था. इस दौरान इंजीनियरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया था, लेकिन अभी भी ओपेन नाला में मल-मूत्र बह रहा है.
बदबू के कारण स्टेशन रोड में चलना मुश्किल : स्टेशन रोड में इन दिनों इतनी ज्यादा बदबू है कि लोगों का रास्ते से आना-जाना मुश्किल हो गया है. हल्की बारिश होती है, तो नाला ओवर फ्लो होकर पानी के साथ मल-मूत्र सड़क पर बहने लगता है.
इससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. नगर आयुक्त ने इन सभी बिंदुओं का जिक्र करते हुए प्रदूषित हो रहे पर्यावरण को ठीककरने के लिए डीआरएम को जल्द-से-जल्द इस पर कार्रवाई करने को कहा है.
क्या है बायो टॉयलेट
बायो टॉयलेट में शौचालय के नीचे बाॅयो डाइजेस्टर कंटेनर में एनेरोबिक बैक्टीरिया होता है. जो मानव मल को पानी और गैस में बदल देते हैं. इस प्रक्रिया के तहत मल सड़ने के बाद केवल मिथेन गैस और पानी ही शेष बचता है. पानी को पुनः चक्रित (री-साइकिल) कर शौचालयों में इस्तेमाल किया जा सकता है. इन गैसों को वातावरण में छोड़ दिया जाता है, जबकि दूषित जल को क्लोरिनेशन के बाद पटरियों पर छोड़ दिया जाता है.

Next Article

Exit mobile version