15 फुट नीचे गया पाताल का पानी

मुजफ्फरपुर : गर्मी बढ़ने के साथ शहरी क्षेत्र के भू-गर्भ का जलस्तर तेजी से गिरते जा रहा है. मई माह में ही जलस्तर सामान्य (25 फुट) से 12-15 फुट नीचे अधिकतम 40 फुट तक चला गया है. इससे शहर में पानी का संकट गहरा गया है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति बूढ़ी गंडक नदी व सिकंदरपुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2018 5:22 AM
मुजफ्फरपुर : गर्मी बढ़ने के साथ शहरी क्षेत्र के भू-गर्भ का जलस्तर तेजी से गिरते जा रहा है. मई माह में ही जलस्तर सामान्य (25 फुट) से 12-15 फुट नीचे अधिकतम 40 फुट तक चला गया है. इससे शहर में पानी का संकट गहरा गया है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति बूढ़ी गंडक नदी व सिकंदरपुर मन से सटे इलाके की है. जलस्तर के नीचे चले जाने से सिकंदरपुर नया पंप लगभग दस दिनों तक बंद रहा.
नगर निगम ने करीब दस फुट अतिरिक्त पाइप को जोड़ा, तब जाकर बुधवार की शाम पंप चालू हो सका है. इससे वार्ड नंबर 12, 13 व 14 के वैसे लोग जो पूरी तरह नगर निगम के पंप पर अाश्रित हैं, उन्हें बड़ी राहत मिली है. बता दें कि सिकंदरपुर का नया पंप पहले से 50 फुट पर धंसा है.
दस दिन पहले पानी खींचना बंद कर दिया. इसके बाद निगम ने दस फुट पाइप को जोड़ उसकी गहराई 60 फुट तक की. तब जाकर पानी की आपूर्ति शुरू हो सकी है.
घर में लगा सामान्य मोटर जवाब दे रहा : बूढ़ी गंडक नदी से सटे इलाके में दाउदपुर कोठी ब्रह्मपुरा से लेकर वार्ड नंबर 12, 13 व 14 में पड़नेवाले सिकंदरपुर, श्मशान घाट, बालूघाट, प्रभात जर्दा फैक्ट्री मुहल्ला वार्ड नंबर 16 के चंदवारा से लेकर लकड़ीढ़ाही तक के इलाके में लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है. घरों में जो सामान्य मोटर लगा है, उससे दिन में पानी नहीं निकल रहा है.
लोग किसी तरह आधी रात व अहले सुबह मोटर चला टंकी को भर रहे हैं. सिकंदरपुर के कई मुहल्ले में तो दूसरी व तीसरी मंजिल की छत पर लगी टंकी में पानी जाना बंद हो गया है. इस परिस्थिति में लोग सीधे नल से सीधे बाल्टी व ड्रम में पानी को भर किसी तरह काम चला रहे हैं.
40 फुट तक पहुंच गया है भू-गर्भ का जलस्तर
पिछले वर्ष इस बार से ज्यादा भीषण गर्मी पड़ी थी. लंबे समय तक बारिश नहीं हुई. इससे शहरी क्षेत्र का जलस्तर सामान्य से 18-20 फुट नीचे चला गया था. 43-45 फुट तक जलस्तर के नीचे जाने के कारण निगम का अधिकतर पंप पानी खींचना बंद कर दिया था. इससे शहर में पानी के लिए हाहाकार मच गया था.
पानी का लेयर नीचे जाने से लो वोल्टेज
पानी का लेयर अधिक नीचे जाने से जिले में जल संकट गहरा गया है. साथ ही बिजली के वोल्टेज में भी कमी आयी. जिस ट्रांसफॉर्मर से लोगों को बिजली मिलती है, उसका अर्थिंग भी कमजोर रहता है. गरमी बढ़ने के बाद जमीन में नमी की कमी हो जाती है. इसका असर वोल्टेज पर पड़ता है. एक तो पानी का लेयर नीचे जाने के कारण मोटर से पानी चढ़ाने में परेशानी हाेती है. वहीं, दूसरी ओर वोल्टेज कम होने के कारण मोटर चलाने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रह रही है. लो वोल्टेज की समस्या सबसे अधिक सुबह छह से नौ और शाम को पांच से रात के 11 बजे तक रहती है.

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