जलापूर्ति पर खर्च करने के लिए निगम के खाता में पड़े हैं चार करोड़ रुपये
मुजफ्फरपुर : भीषण गर्मी में शहरवासी पानी के लिए तरस रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार से जलापूर्ति पर खर्च करने के लिए जो राशि मिली है. वह नगर निगम के बैंक अकाउंट में पड़ा हुआ है. फिलहाल नगर निगम के बैंक अकाउंट में जलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं पर खर्च करने के लिए 4.16 करोड़ रुपये […]
मुजफ्फरपुर : भीषण गर्मी में शहरवासी पानी के लिए तरस रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार से जलापूर्ति पर खर्च करने के लिए जो राशि मिली है. वह नगर निगम के बैंक अकाउंट में पड़ा हुआ है. फिलहाल नगर निगम के बैंक अकाउंट में जलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं पर खर्च करने के लिए 4.16 करोड़ रुपये पड़ा हुआ है. इस पर उप मेयर मानमर्दन शुक्ला ने सवाल उठाया है.
उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र लिख जल संकट से जूझ रहे शहरवासी की स्थिति से अवगत कराते हुए बैंक अकाउंट में जो राशि पड़ी है. उसे जल्द-से-जल्द खर्च करने को कहा है. उप मेयर ने बताया कि जलापूर्ति के अलावा अन्य विकास योजनाओं पर खर्च करने के लिए विभिन्न मदों में लगभग 64 करोड़ रुपये पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि निगम सरकार के गठन के एक साल होने को है. ऐसे में कोई काम नहीं होने से निगम सरकार के कार्यप्रणाली पर लोग सवाल खड़ा करेंगे. उन्होंने नगर आयुक्त से जल्द से जल्द अकाउंट में पड़े रुपये को जलापूर्ति व विकास योजनाओं पर खर्च करने की योजना तैयार करने को कहा है.
झांकने तक नहीं आया निगम
कांति देवी : सरैयागंज नूनफर मुहल्ले में पानी आपूर्ति की स्थिति काफी खराब है. पहले जब पानी आपूर्ति का समय होता था, तो तेजी से पानी निकलता था, लेकिन जब से भीषण गर्मी शुरू हुई है, पानी आपूर्ति की स्थिति काफी खराब हो गयी है.
बनारसी देवी : नगर निगम कुछ नहीं कर रहा है. हमलोग पानी के लिए परेशान हैं. दूसरे मुहल्ले में तो टैंकर भेज कर पानी की आपूर्ति करायी जा रही है, लेकिन हमारे मुहल्ले में कोई ताक-झांक करने भी नहीं आया है.
गरीबनाथ पटेल : पानी की किल्लत दूर करने के लिए नगर निगम प्रशासन को ठोस निर्णय लेना होगा. स्थिति में कोई सुधार नहीं होती है, तो शुक्ला रोड पंप से जुड़े इलाके के लोगों की तरह हमलोग भी सरैयागंज टावर पर जाम कर प्रदर्शन करेंगे.
गज्जू महतो : हमलोग एक सप्ताह से पानी की भीषण समस्या झेल रहे हैं. कोई ध्यान देने वाला नहीं है. पानी के अभाव में इस गर्मी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं. पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है.