मुजफ्फरपुर : बिहारमें मुजफ्फरपुरके बालिका गृह यौन शोषण मामले नया खुलासा हुआ है. शनिवार को मामले की जांच करने पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने बताया कि तीन और बच्चियां गर्भवती हैं. अबतक कुल पांच बच्चियों में गर्भवती होने की पुष्टि हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 15 बच्चियों ने यह माना है कि उनके साथ बलात्कार हुआ है. उनके बयान का वीडियो भी आयोग के पास है. साहू ने सिटी एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा, टाउन डीएसपी मुकुल रंजन व महिला थानाप्रभारी ज्योति कुमारी से जांच के बारे में पूछताछ की और बालिका गृह का दौरा भी किया.
महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि वह इस मामले को केंद्र सरकार तक ले जायेंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की नाक के नीचे इतना बड़ा खेल चल रहा था और किसी को पता तक नहीं चला. जब हमारी आंखों के सामने बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं, तो कहां रहेंगी. बच्चियों के वीडियो टेप हमलोगों ने देखे हैं. यह जघन्य अपराध है और इसके लिए फांसी की सजा भी कम है. आयोग की सदस्य ने कहा कि वह संस्था को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी. उन्होंने कहा कि वह सरकार से यह भी कहेंगी कि जहां आठ से 15 साल तक की बच्चियां रह रही हैं, उन गृहों की जांच की जाये. इस मामले में जो भी आरोपित होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. वह इस मामले को एनसीपीसीआर के पास ले जायेंगी.
मकान मालिक के परिजन बोले- फंसाया गया
महिला आयोग जब बालिका गृह पहुंची, तो वहां मकान मालिक के परिवार के सदस्यों और आयोग की सदस्य के बीच बहस भी हुई. परिवार वालों का कहना था कि उन्हें इस मामले में सुना नहीं जा रहा है और फंसा दिया गया है.
मेडिकल बोर्ड से होगी जांच
पटना में रह रही बच्चियों की जांच अब मेडिकल बोर्ड करेगा. एसएसपी हरप्रीत कौर ने मेडिकल बोर्ड का गठन करने के लिए पीएमसीएच के अधीक्षक को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि मोकामा में रह रही बच्चियों का मेडिकल नहीं हुआ है.
बच्चियों को दिखायी जाती थीं पोर्न फिल्में
सुषमा साहू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, जो रिपोर्ट आयी है, उसमें बालिका गृह की बच्चियों को पोर्न फिल्में दिखाये जाने का मामला भी सामने आया है. आयोग की सदस्य के मुताबिक, बच्चियों ने बताया कि उन्हें नंगा कर के पीटा जाता था. भरपेट खाना नहीं दिया जाता था. लड़कियां काफी डर गयी हैं. वीडियो में एक बच्ची यह कहते दिख रही है कि तुम बोल रही हो न, फिर वहीं जाना है बहुत मार पड़ेगी. लेकिन, जब बच्चियों को यह भरोसा दिलाया गया कि फिर से वहां नहीं जाना है. इसके बाद बच्चियों ने राज उगले.
दहाड़ मार रोने लगीं महिलाएं
हम इहां से न जबई, हमर घर वाला अतई त कहां खोज तई… अल्पवास गृह खाली कराने के लिए पहुंची टीम के सामने वहां महिलाएं दहाड़ मारकर रोने लगीं. गाड़ी में बैठने तक उनके आंसू थम नहीं रहे थे. महिलाओं की रोने की आवाज सुनकर आसपास की भीड़ इकट्ठा हो गयी. पूरे अल्पवास गृह के सामने महिलाओं और पुरुषों मौजूद थे.
अल्पवास गृह से हटायी गयीं महिलाएं, हुआ सील
सिद्दिकी लेन स्थित अल्पवास गृह से 16 महिलाओं और तीन बच्चों को शनिवार को हटाकर बेगूसराय भेज दिया गया. वहां से महिलाओं को हटाने के बाद उसे सील कर दिया गया. हटाने की कार्रवाई आईसीडीएस के डीपीओ मो कबीर के नेतृत्व में हुई. महिलाओं को शिफ्ट करने में करीब तीन घंटे का समय लग गया. कानून व्यवस्था ठीक रखने के लिए डीएसपी मुख्यालय सुरेंद्र कुमार पंजीयार भी पहुंचे थे. मो कबीर ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर इस अल्पवास गृह को खाली कराया गया है. यहां के कागजों को जब्त कर इसे सील कर दिया गया. यह गृह भी बालिका गृह चलाने वाली सेवा संकल्प समिति ही चलाती थी.
सहारा वृद्धाश्रम की जांच का आदेश
मुजफ्फरपुर : जिलाधिकारी मो सोहैल ने कन्हौली के शिवहर कोठी में चल रहे सहारा वृद्धाश्रम की जांच का निर्देश दिया है. उन्होंने एसएसपी, एडीएम आपदा, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक व एसएसयूपीएस डब्ल्यूके जिलाप्रबंधक को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. डीएम ने कहा है, लगता है कि वहां से वृद्धों को हटाया जाना चाहिए. सामाजिक सुरक्षा कोषांग के पदाधिकारी उन्हें दूसरे आश्रय गृह में शिफ्ट करायेंगे. मामले की पूरी जांच रिपोर्ट अविलंब उपलब्ध कराएं. यह आश्रम भी सेवा संकल्प विकास समिति द्वारा संचालित होता है.