तस्वीर से ही आरोपितों को पहचानती हैं बच्चियां
मुजफ्फरपुर : बालिका गृह में बच्चियों के साथ हुई अमानवीय घटना के मामले में आरोपितों की सही पहचान व तस्वीर नहीं होने से पुलिस जांच उलझती जा रही है. मामले में पीड़ित बच्चियों ने जिन लोगों को आरोपितों किया है न तो उनका असली नाम जानती है और न ही उसकी कोई साफ तस्वीर उनके […]
मुजफ्फरपुर : बालिका गृह में बच्चियों के साथ हुई अमानवीय घटना के मामले में आरोपितों की सही पहचान व तस्वीर नहीं होने से पुलिस जांच उलझती जा रही है. मामले में पीड़ित बच्चियों ने जिन लोगों को आरोपितों किया है न तो उनका असली नाम जानती है और न ही उसकी कोई साफ तस्वीर उनके पास है. इस कारण पुलिस को आरोपितों की पहचान व गिरफ्तारी करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस सूत्रों की माने, तो पुलिस शहर के दो बड़े होटल संचालकों की भी भूमिका संदेह के घेरे में है. उसकी तलाश जारी है. पूछताछ के बाद जांच में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं.
मामले में फरार बाल संरक्षक जिला इकाई के अध्यक्ष दिलीप वर्मा, मधु नामक महिला और मूंछ वाले अंकल का भी पुलिस को कोई ट्रेस नहीं मिल पाया है. संभावना जतायी जा रही है कि तीनों नेपाल या फिर दूसरे राज्य में जाकर छिप गये हैं. पुलिस उनके लोकेशन के लिए वैज्ञानिक तरीके से छानबीन कर रही है. लेकिन, अबतक कोई ठोस सुराग नहीं मिल है. वहीं, पटना व मोकामा में लड़कियों का बयान व मेडिकल जांच अंतिम चरण में है. इसके बाद मामले में चार्जशीट की तैयारी की जायेगी, ताकि आरोपितों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाने के लिए आग्रह किया जा सके. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.