नियमित कुरान पढ़ने से मिलेगी कामयाबी
जामा मस्जिद गनीपुर बेझा गांव में चल रहे तरावीह का समापन मुरौल : कुरान मोकद्दस किताब है. इस मोकद्दस किताब को नियमित पढ़ने व इस पर अमल करने से दीन-दुनिया में कामयाबी मिलेगी. उक्त बातें गनीपुर बेझा गांव के जामा मस्जिद में रविवार की रात तरावीह के समापन पर इमाम मौलाना मो अतिकुल्लाह ने कहीं. […]
जामा मस्जिद गनीपुर बेझा गांव में चल रहे तरावीह का समापन
मुरौल : कुरान मोकद्दस किताब है. इस मोकद्दस किताब को नियमित पढ़ने व इस पर अमल करने से दीन-दुनिया में कामयाबी मिलेगी. उक्त बातें गनीपुर बेझा गांव के जामा मस्जिद में रविवार की रात तरावीह के समापन पर इमाम मौलाना मो अतिकुल्लाह ने कहीं. उन्होंने कहा की हाफिज-ए-कुरान से कयामत के दिन अल्लाह पाक फरमायेंगे कि कुरान पढ़ता जा और बुलंदियों पर चढ़ता जा. उन्होंने कहा की पूरी दुनिया में जितनी किताबें हैं, अगर सभी को समुंदर में फेंक दिया जाये,
तो उसका फिर हुबहू दोबारा तैयार नहीं हो सकता. लेकिन, कुरान ही एक ऐसी मोकद्दस किताब है, जिसे दोबारा-तिबारा हुबहू तैयार हो जायेगा. क्योंकि यह कुरान हाफिज के सीने में महफूज है, जिसे कभी खत्म नहीं किया जा सकता है और न ही मिटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक हाफिज अपने खानदान के सात लोगों को अपनी सिफारिश से जन्नत में ले जायेगा, जिसे जहन्नुम का परवाना मिल गया होगा. लेकिन, हां हाफिज-ए-कुरान को हमेशा कुरान याद रखना जरूरी है.
मौलाना ने मस्जिद में मौजूद लोगों के साथ मिलकर दुनिया में कौमी एकता व आपसी भाईचारगी कायम रहने की दुआएं कीं. मौके पर मौलाना मो अतिकुल्लाह, हाफिज जैद अहमद, हाजी नेयाज अहमद, मो साजिद, साकिब अहमद, माज अहमद, सादिक अहमद, हाजी शफी आलम, हाजी मो तैयब, पूर्व जिप सदस्य प्रो फैयाज अहमद, अब्दुल मन्नान, मो शोएब, मो शमसाद, मो नइम, मो इद्रीश, मो सेराज, कमरे आलम जिलानी, मो सोनू, मो फैजान, मो वक्कार आदि मौजूद थे.