स्ट्रेचर नहीं मिला, तो बच्ची को गोद में लेकर पीआइसीयू वार्ड भागी मां, मौत

मुजफ्फरपुर : बदइंतजामी और नकारापन की खुली तस्वीर अगर देखनी है, तो आप एसकेएमसीएच अस्पताल देख सकते हैं. अस्पताल की बदइंतजामी के कारण सोमवार को एक छह माह की बच्ची की मौत हो गयी. मीनापुर नेउरा की रहने वाले उपेंद्र साह की छह माह की प्रीति को एसकेएमसीएच तक टेंपो से उसकी मां रूबी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2018 5:12 AM
मुजफ्फरपुर : बदइंतजामी और नकारापन की खुली तस्वीर अगर देखनी है, तो आप एसकेएमसीएच अस्पताल देख सकते हैं. अस्पताल की बदइंतजामी के कारण सोमवार को एक छह माह की बच्ची की मौत हो गयी. मीनापुर नेउरा की रहने वाले उपेंद्र साह की छह माह की प्रीति को एसकेएमसीएच तक टेंपो से उसकी मां रूबी और चाची लेकर पहुंचीं. लेकिन, उसकी जान वह नहीं बचा पायीं.
रूबी ने बताया है कि सुबह करीब सात बजे उसे चमकी बुखार आया. इसके बाद वह उसे लेकर एसकेएमसीएच पहुंची. यहां इमरजेंसी में पुर्जा कटाकर डॉक्टर से दिखायी. करीब एक घंटे बाद उसकी हालत में जब सुधार नहीं हुआ, तो डॉक्टर ने उसे पीआइसीयू वार्ड में भरती करने की बात कही. शिशु वार्ड से नर्स ने रूबी से प्रीति को पीआइसीयू वार्ड में ले जाने की बात कह दी. वार्ड में स्ट्रेचर नहीं मिला, तो रूबी अपनी बेटी को गोद में उठा और चाची स्लाइन की बोतल लिए
पीआइसीयू वार्ड पहुंचीं. यहां मौजूद डॉक्टर गोपाल शंकर सहनी ने प्रीति को इलाज के लिए बेड पर लिटाया. लेकिन, तब तक प्रीति जिंदगी की जंग हार चुकी थी.
अस्पताल की दम तोड़ती सुविधाओं के लिए जिम्मेवार कौन
अब सवाल यह उठता है कि सरकारी अस्पताल की दम तोड़ती सुविधाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा‍? जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी से छिपते घूम रहे हैं और मरीज की जिंदगी जाती रहती है? यहां बता दें कि रविवार को डीएम मो सोहेल ने एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल का निरीक्षण भी किया था.यहां उन्हें कई खामियां भी मिली थीं. लेकिन, उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों को हिदायत देकर छोड़ दिया था. हिदायत के बावजूद दूसरे दिन भी कोई फर्क नहीं दिखा.

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