नक्सली अिभमन्यु जी को एनआइए ने पकड़ा

मुजफ्फरपुर/मुंगेर : नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम ने गुरुवार को जमालपुर से भाकपा माओवादी के उत्तर बिहार व उत्तर प्रदेश के विशेष एरिया सचिव उमेश यादव उर्फ अभिमन्यु जी को गिरफ्तार किया है. वह जमालपुर थाना क्षेत्र के बड़ी दौलतपुर पशुपालन गली में रह रहा था. एनआइए की टीम उसे पटना ले गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2018 3:29 AM
मुजफ्फरपुर/मुंगेर : नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम ने गुरुवार को जमालपुर से भाकपा माओवादी के उत्तर बिहार व उत्तर प्रदेश के विशेष एरिया सचिव उमेश यादव उर्फ अभिमन्यु जी को गिरफ्तार किया है. वह जमालपुर थाना क्षेत्र के बड़ी दौलतपुर पशुपालन गली में रह रहा था. एनआइए की टीम उसे पटना ले गयी है. उसकी गिरफ्तारी हार्डकोर नक्सली अनिल राम उर्फ सुमित जी से पूछताछ के दौरान मिले सुराग के आधार पर की गयी है. अनिल समेत तीन नक्सलियों को नौ लाख कैश, कारबाइन व पुलिस राइफल के साथ मुजफ्फरपुर में 18 मार्च को पकड़ा गया था.
उमेश 2005 में मोतिहारी जिले के मधुबन में नक्सली हमले और तुर्की में कंस्ट्रक्शन कंपनी के बैस कैंप को विस्फोट कर उड़ाने में शामिल रहा है. उस पर देवरिया थाना क्षेत्र के मोहब्बतपुर में चुनाव के दौरानं पेट्रोलिंग दस्ते को उड़ाने का भी आरोप है. इस घटना में छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी. दिल्ली से आयी एनआइए की टीम ने गुरुवार को एसटीएफ व जमालपुर थाना पुलिस के सहयोग से उमेश यादव के घर पर छापेमारी की. वह छद्म नाम मनोज बनकर अपनी पत्नी उमा देवी के साथ रह रहा था.
इससे पूर्व वर्ष 2011 में छह हार्डकोर माओवादी नेताओं के साथ उमेश को पकड़ा गया था. इनमें दो करोड़ रुपये के ईनामी नक्सली नेता आंध्रप्रदेश के वाराणसी सुब्रमण्यम, बंगाल के झंटू दा उर्फ पूर्णेंदु मुखर्जी व बिहार के गया जिले के विजय आर्या उर्फ यशपाल भी शामिल थे. यशपाल संगठन की सेंट्रल कमेटी के सदस्य थे. उमेश 2014 में जेल से बाहर निकला. उसे नॉर्थ बिहार के खगड़िया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली, छपरा का विशेष एरिया सचिव बनाया गया था.
अनिल राम उर्फ सुिमत जी की निशानदेही पर मुंगेर के जमालपुर से हुई गिरफ्तारी
मूल रूप से कटिहार जिले के कुरसेला थाना क्षेत्र के खेड़ियां गांव निवासी उमेश यादव उर्फ अभिमन्यु जी लंबे समय से भाकपा माओवादी से जुड़ा है. दर्शनशास्त्र से एमए पास उमेश की उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण के मधुबन मुठभेड़ सहित कई मामले में तलाश थी. सितंबर 2015 में हथौड़ी के डकराम गांव में पार्टी के बड़े नेताओं की एक बैठक बुलायी गयी थी. इनमें लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर के अलावा अभिमन्यु जी, रामबाबू राम उर्फ राजन समेत कई नक्सली उपस्थित थे.
इसी बीच पुलिस ने छापेमारी कर दी. मौके से आठ नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन वह फरार हो गया था. जनवरी 2017 में पारू के कर्णपुर भटौलिया गांव में लेवी वसूलने के लिए एक मीटिंग बुलायी थी. इसमें भी वह शामिल रहा है. 23 जून, 2005 को मधुबन में बैंक, सीताराम सिंह का आवास, प्रखंड व अंचल कार्यालय पर नक्सलियों ने हमला किया था, जिसका नेतृत्व उमेश ने ही किया था.
इसमें एक जवान व छह नक्सलियों की मौत हुई थी. 26 मार्च 2016 की रात तुर्की रेलवे स्टेशन के पास रेलवे लाइन दोहरीकरण करने वाली निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर हमला कर 14 वाहन को जला डाला था. सरैया थाना क्षेत्र में मड़वा पाकड़ गांव स्थित सुंदरम ईंट भट्ठा के चिमनी को विस्फोट कर इसने उड़ा दिया था.

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