नौ माह में जमीन पर दिखेगा काम
मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी में शामिल होने के एक साल के अंदर शहर में कोई काम नहीं होने पर केंद्र सरकार की रैकिंग में मिले शून्य नंबर से गरमायी शहर की राजनीति के बीच मंत्री सुरेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि कंसल्टेंट चयन के बाद स्मार्ट सिटी […]
मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी में शामिल होने के एक साल के अंदर शहर में कोई काम नहीं होने पर केंद्र सरकार की रैकिंग में मिले शून्य नंबर से गरमायी शहर की राजनीति के बीच मंत्री सुरेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि कंसल्टेंट चयन के बाद स्मार्ट सिटी का काम शुरू होता है. पूर्व के नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन के कार्यकाल में कंसल्टेंट चयन में गड़बड़ियां हुईं. एक बार इस प्रक्रिया को रद्द कर दोबारा चयन की प्रक्रिया की गयी. इससे इसमें अधिक समय लगा.
अभी जिस कंसल्टेंट को स्मार्ट सिटी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने चयन किया है, उसने अगले नौ माह में स्मार्ट सिटी के तहत बहुत सारे काम शहर में करने की वादे किये हैं. एग्रीमेंट भी इन्हीं शर्तों पर हुई है. तिरहुत प्रमंडल के स्थायी आयुक्त सह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अध्यक्ष की नियुक्ति होते ही स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र से जो राशि मिली है, उसे रिलीज कर देंगे. इस काम में एक माह का समय लगेगा. क्योंकि स्थायी प्रमंडलीय आयुक्त ही स्मार्ट सिटी का कार्य देख सकते हैं.
मंत्री रहें या नहीं, निगम से भ्रष्टाचार को खत्म कर लेंगे दम : मंत्री ने कहा कि 15 सालों में निगम को लूट-खसोट का अड्डा बना कर रखनेवाले की जब आमदनी बंद हो गयी है. इसलिए अब उनकी बेचैनी बढ़ी है. वे लोग शहर में तरह-तरह की अफवाहे फैला रहे हैं. मैंने निगम में इस तरह की व्यवस्था कर दी है कि वहां
भ्रष्टाचार करने वाले की कोई गुंजाइश ही नहीं है. जो लोग नगर आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, उन्हें मैं बता देना चाहता हूं कि बिहार के जितने भी नगर आयुक्त हैं, उनमें मुजफ्फरपुर के नगर आयुक्त सबसे टॉप पर हैं. वे ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं. हम मंत्री रहें या नहीं, लेकिन निगम से भष्टाचार को खत्म कर ही दम लेंगे.
स्मार्ट सिटी पर राजनीति ठीक नहीं, जब काम होगा तो बोलनेवाले के मुंह पर लग जायेगा ताला. कंसल्टेंट चयन में लग गया है अधिक समय, अब तेजी से काम होगा.
सुरेश शर्मा, मंत्री, नगर विकास विभाग
शादी-ब्याह में बजाएं डुगडुगी, पैसा भी मिलेगा
शहर में डुगडुगी बजा कर एक साल में शहर का विकास नहीं होने का पोल खोल रहे पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी पर मंत्री ने सीधे हमला बोला. बिना नाम लिये कहा कि इनकी गंदी राजनीति है. आम पब्लिक के साथ मुख्यमंत्री तक समझ गये हैं. सुर्खियों में आने के लिए पार्टी में रहते हुए सरकार विरोधी काम कर रहे हैं. जनता डुगडुगी बजा कर इनकी (विजेंद्र) की राजनीतिक करियर को बहुत पहले समाप्त कर चुकी है. अब इन्हें डुगडुगी किसी बैंड पार्टी को पकड़ शादी-ब्याह के मौके पर बजाना चाहिए. ताकि उससे कुछ आमदनी भी होगी.
नली गली योजना की राशि से कर्मियों की अंतर राशि का किया भुगतान
मंत्री ने शहर में नली-गली योजना की काम धीमी गति से होने की बात को स्वीकार की. कहा कि पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने नियम विरुद्ध फंड ट्रांसफर कर नली-गली योजना के 15 करोड़ रुपये से कर्मियों की अंतर राशि का भुगतान कर दिया. मुझे जब इसकी शिकायत मिली है, तो हम विजिलेंस से इसकी जांच करा रहे हैं. दोबारा कैबिनेट से नली-गली के लिए करोड़ों की राशि स्वीकृति हुई है. अगले दस दिन में नगर निगम को राशि मिलेगी. इसके बाद तेजी से काम होगा. मंत्री ने जुलाई माह में शहर के डेढ़ दर्जन मुख्य सड़कों के शिलान्यास करने की भी बात कही है.