तबादले के बाद भी पद पर जमे हैं 55 लिपिक व स्वास्थ्यकर्मी

मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य विभाग के स्थानांतित हुए 55 लिपिक व स्वास्थ्यकर्मी तबादले के 20 दिनों बाद भी अपने पदों पर जमे हैं. अबतक मात्र चार लिपिक व स्वास्थ्यकर्मी ही तबादले की जगह पर योगदान किये हैं. सीएस कार्यालय से संबद्ध इन बाबुओं को अभी तक रिलीव नहीं किया गया है. इसको लेकर महकमे में चर्चाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2018 3:44 AM
मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य विभाग के स्थानांतित हुए 55 लिपिक व स्वास्थ्यकर्मी तबादले के 20 दिनों बाद भी अपने पदों पर जमे हैं. अबतक मात्र चार लिपिक व स्वास्थ्यकर्मी ही तबादले की जगह पर योगदान किये हैं. सीएस कार्यालय से संबद्ध इन बाबुओं को अभी तक रिलीव नहीं किया गया है. इसको लेकर महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म है. सीएस डॉ ललिता सिंह की मानें, तो जैसे-जैसे अन्य जगहों से लिपिक यहां आ रहे हैं, वैसे-वैसे इन्हें भी रिलीव किया जा रहा है.
सीएस ने बताया कि प्रधान सचिव के निर्देश पर 59 लिपिकों व स्वास्थ्यकर्मियों का स्थानांतरण किया गया है. हालांकि अभी तक उन्हें रिलीव नहीं किया जा सका है. इसकी वजह यह है कि अभी तक उनकी जगह लेने के लिए अन्य जगहों से कर्मी नहीं आये हैं. जैसे-जैसे से लिपिक यहां आ रहे हैं, वैसे-वैसे इन्हें भी रिलीव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर विभाग से एक साथ रिलीव करने का आदेश मिलता है, तो एक साथ रिलीव कर दिया जायेगा.
प्रधान सचिव के निर्देश पर सीएस कार्यालय, एसीएमओ व आरडीडीएच कार्यालय से संबद्ध वैसे 59 बाबुओं को जो तीन साल व पांच सालों से अधिक समय से जुगाड़ लगाकर एक ही जगह जमे हुए थे, 17 दिन पहले स्थानांतित किया गया था. इन बाबुओं का स्थानांतरण पत्र आते ही महकमे में हड़कंप मच गया. कई बाबूओं ने अपना स्थानांतरण रुकवाने के लिए पटना तक चक्कर लगाया, लेकिन कामयाब नहीं हो सके.
बंद पोषण पुनर्वास केंद्र कल से होगा चालू
कुपोषित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सदर अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गयी थी, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण यह केंद्र पिछले पांच महीनों से बंद है. डीएम मो सोहेल के निर्देश परपोषण पुनर्वास केंद्र को चालू करने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. शुक्रवार से यह केंद्र चालू कर हो जायेगा. इसके लिए चार ए ग्रेडनर्स व एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. 20 बेड वाले इस केंद्र में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का उपचार किया जायेगा.
कुपोषित बच्चों के दर को 33 प्रतिशत से कम कर चार प्रतिशत तक लाना केंद्र का मुख्य उद्देश्य है. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह ने बताया कि इसके संचालन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जल्द ही इसका संचालन शुरू कर दिया जायेगा.

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