मुजफ्फरपुर: सारण जेल में चार माह से बंद हार्ड कोर नक्सली सुभाष गुप्ता उर्फ चंदन की बीबी कोमल उर्फ वसंती गुरिल्ला युद्ध लड़ने की ट्रेनिंग ले चुकी है. 26 साल की कोमल को पुलिस साहेबगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर पट्टी निवासी महेश्वर सिंह की हत्या में तलाश रही थी. उसने 30 जनवरी 2013 की रात मारक दस्ते के सदस्यों के साथ घटना को अंजाम दिया था. मूल रूप से सारण जिले के पानापुर गांव की रहने वाली कोमल का बचपन कोलकाता में बीता है. उसके पिता कोलकाता जूट मिल में काम करते थे.
आठवीं पास कोमल ने पुलिस को बताया कि वह गांव के ही चौर में लकड़ी चुनने जाती थी, इसी क्रम में सोनपुर के खुश्बु से उसकी मुलाकात हुई. उससे दोस्ती होने पर उसका झुकाव नक्सली संगठन की ओर हो गया. वह अक्सर उसे नक्सली साहित्य पढ़ने को देती थी. उसने 2012 में पानापुर के ही बबनीया व चवनीय चौर में रहती थी. वही पर उसने गुरिल्ला युद्ध व हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी.
इसी चौर के कैंप में उसकी मुलाकात सुभाष उर्फ चंदन जी से हुई. 14 सितंबर को उसने चंदन से शादी भी कर ली. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसने सदस्यता ग्रहण कर संगठन के सदस्य अमीन सहनी, चंदन जी, धमेंद्र राय, अनिता, ओम प्रकाश पासवान, राजू पासवान, तूफानी पासवान, साहेब सहनी, विपत यादव , जयंत राय व कुणाल सहनी के साथ पारू के चक्की सुहागपुर गांव गये. वही पर सरस्वती देवी की गोली मार कर हत्या कर दी थी. वह संगठन विरोधी महिला थी. यहीं नहीं, जनवरी माह में खुश्बु कुमारी, रेखा, सुमन जी, विशाल जी, आलोक, चंदन, हरिहर सहनी, रमेश पासवान सहित अन्य सदस्यों के साथ शाहपुर पट्टी के महेश्वर सिंह के दलान के पास पहुंचे. वह संगठन के ही किशोरी मांझी को परेशान कर रहा था. विकास में बाधक बनने पर उसकी हत्या कर दी गयी. बताया जाता है कि इस मामले में पूर्व मुखिया किशोरी मांझी, धमेंद्र व कामेश्वर मांझी के खिलाफ साहेबगंज थाना में नामजद प्राथमिकी कांति देवी ने दर्ज करायी थी.
इधर, नंद किशोर भगत उर्फ नंद किशोर यादव के बारे में पुलिस का कहना है कि वह नक्सलियों के ओपन कैडर कर सक्रिय सदस्य है. नौंवी पास नंद किशोर नक्सली बंद के दौरान राजेपुर में दुकान जलाने की घटना में शामिल था. पुलिस को उसकी धरफरी के रामलीला गाछी मैदान में नक्सलियों के जमावड़े पर दर्ज की प्राथमिकी में भी तलाश थी. साहेबगंज बंदी के दौरान उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.