बिजली आपूर्ति सुधरी नहीं तो फैक्ट्री में ताला बंद कर डीएम को सौंप देंगे चाबी
मुजफ्फरपुर : बिजली संकट से आम उपभोक्ता तो परेशान हैं ही, उद्योग-धंधे भी बुरी तरह प्रभावित हैं. यूं कहिए कि बिजली उद्यमियों का दिल जला रही है. औद्योगिक क्षेत्र बियाडा में प्रतिदिन 15 से 18 बार बिजली ट्रिपिंग की होती है. इससे उद्यमियों को लाखों का नुकसान हो रहा है. उद्यमियों की मानें, तो जेनरेटर […]
मुजफ्फरपुर : बिजली संकट से आम उपभोक्ता तो परेशान हैं ही, उद्योग-धंधे भी बुरी तरह प्रभावित हैं. यूं कहिए कि बिजली उद्यमियों का दिल जला रही है. औद्योगिक क्षेत्र बियाडा में प्रतिदिन 15 से 18 बार बिजली ट्रिपिंग की होती है. इससे उद्यमियों को लाखों का नुकसान हो रहा है. उद्यमियों की मानें, तो जेनरेटर के सहारे काम करना कारोबारियों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. नियमित बिजली आपूर्ति नहीं होने से प्रतिदिन एक उद्यमी 60 से 80 हजार रुपये का डीजल जला रहे हैं.
लद्यु उद्योग भारती के प्रदेश महामंत्री नरेंद्र कुमार कहते हैं कि बिजली सुधारने के लिए कई बार मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री व एस्सेल के अधिकारियों को पत्र भेजा गया, लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया. बियाडा परिसर में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमी तो अलग विद्युत लाइन की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें संकट के समय भी पर्याप्त बिजली मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर जल्द बिजली की समस्या नहीं सुधरी, तो बियाडा के सभी उद्यमी अपनी फैक्ट्री में ताला लगा उसकी चाबी डीएम को सौंप देंगे.
बिजली के बिना उद्योग-धंधों का विकास संभव नहीं : लद्यु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्याम सुंदर भीमसेरिया का कहना है कि बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए उद्यमियों ने संबंधित लोगों को कई पत्र लिखे हैं. पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से उद्यमियों को काफी नुकसान हो रहा है. बड़े उद्यमी तो किसी तरह काम चला लेते हैं, लेकिन छोटे उद्यमियों की स्थिति खराब हो जाती है. उद्यमी भरत अग्रवाल ने कहा कि बिजली के बिना उद्योग-धंधों का विकास संभव नहीं है.
उद्यमी सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली नहीं मिलने से महंगा डीजल जला कर जेनरेटर के सहारे काम करना पड़ता है. लेकिन जेनरेटर के सहारे काम करने से तैयार माल में वह गुणवत्ता नहीं रहती है, जो बिजली से काम करने पर होती है. अलग लाइन रहने से पर्याप्त बिजली मिल सकेगी.