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मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की अब सीबीआई करेगी जांच, ब्रजेश समेत दस पर चार्जशीट दाखिल
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद केंद्र को भेजी गयी अनुशंसा पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच सीबीआई से करायी जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रधान सचिव, गृह को तत्काल इस मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया. सीएम के आदेश के बाद गुरुवार की शाम को सीबीआई […]
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद केंद्र को भेजी गयी अनुशंसा
पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच सीबीआई से करायी जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रधान सचिव, गृह को तत्काल इस मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया. सीएम के आदेश के बाद गुरुवार की शाम को सीबीआई की जांच की अनुशंसा केंद्र को भेज दी गयी.
केंद्र सरकार इस सिफारिश को मंजूर कर लेती है तो सीबीआई महिला (मुजफ्फरपुर) थाना कांड संख्या 33/2018 दिनांक 31.5.2018 की जांच करेगी. मामला धारा 120 (बी)/376/34 / आईपीसी एवं 4/6/8/10/12 पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया गया है. अधिसूचना में कहा गया है कि साहू रोड, मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में आवासित बालिकाओं के साथ मानसिक शारीरिक एवं यौन शोषण से संबंधित है. सरकार का मानना है कि यह बहुत ही घृणित घटना है और पुलिस द्वारा मुस्तैदी से इसकी जांच की जा रही है. सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है. इसके बाद भी एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है.
इस मामले में किसी तरह का भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसे देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है. मालूम हो कि मुजफ्फरपुर में संचालित होनेवाली बालिका गृह में बच्चों की देखरेख व सुरक्षा की स्थिति, प्रबंधन मुजफ्फरपुर बालिका गृह एवं नियमों के अनुपालन की वस्तुस्थिति जानने और अनियमितता पाये जाने पर सुधारात्मक कदम उठाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी बालगृहों की आवासीय सुविधाओं का सामाजिक अंकेक्षण कराने का निर्णय लिया गया. सामाजिक अंकेक्षण का काम टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस मुंबई की कोशिश टीम को सौंपा गया.
कोशिश टीम ने अपनी रिपोर्ट 27 अप्रैल, 2018 को विभाग को सौंप दिया. इस रिपोर्ट को लेकर विभाग ने 26 मई को अपने सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को पटना में बुलाकर उस प्रतिवेदन की कॉपियां उपलब्ध करायीं. साथ ही मामले की गोपनीयता बरतते हुए सभी संबंधित पदाधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. इस दिशा में मुजफ्फरपुर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने 29 मई को 44 बालिकाओं को वहां से दूसरे बालगृहों में स्थानांतरित कर दिया. सहायक निदेशक ने इसके बाद 30 मई को महिला थाना मुजफ्फरपुर में किशोर न्याय अधिनियम के तरत प्राथमिकी दर्ज करायी.
दो जून को बालिकाओं का बयान लिया गया जिसमें मुजफ्फरपुर बालगृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर का नाम सामने आया. अभी तक बालिका गृह में रहनेवाली कुल 29 लड़कियों की मेडिकल जांच करायी गयी जिसमें 16 के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है.
नेता विपक्ष पर अापराधिक अवमानना का मुकदमा करेंगे सुरेश शर्मा, मांगा इस्तीफा
संवाददाता, पटना.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में आरोप लगाये जाने से खफा नगर विकास एवं आवास मंत्री-सह-मुजफ्फरपुर के स्थानीय विधायक सुरेश कुमार शर्मा नेता विपक्ष पर आपराधिक अवमानना का मुकदमा करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर मेरे खिलाफ इस मामले की जांच में कोई साक्ष्य पाया जाता है तो मैं अपने मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे दूंगा. विपक्ष के नेता मेरे खिलाफ बिना साक्ष्य के यह आरोप लगा रहे हैं, इसलिए वे अपने पद से इस्तीफा दें. बयान जारी कर सुरेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष के नेता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से मेरे राजनीति जीवन पर बेबुनियाद एवं बिना साक्ष्य के घिनौना आरोप लगाया गया है.
सरकार ने पूरे प्रकरण को घृणित माना, कहा- निष्पक्ष जांच को प्रतिबद्ध
विपक्ष कर रहा था सीबीआई जांच की मांग
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले को लेकर विपक्ष मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार से विधानमंडल के दोनों सदनों में सीबीआई जांच की मांग कर रहा था. इसको लेकर तीन दिनों तक सदन को बाधित करने की कोशिश की गयी. विरोधी दल के नेता तेजस्वी के नेतृत्व में राजद, कांग्रेस और हम का प्रतिनिधिमंडल ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया.
हाईकोर्ट में भी हुई सुनवाई
इधर पटना हाईकोर्ट में भी इस मामले को लेकर गुरुवार को सुनवाई हुई. सरकार द्वारा अदालत को बताया कि इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी गयी है. सरकार के इस कदम को संतोषजनक मानते हुए अदालत का कहना था कि अब इस मामले में फिलहाल कोर्ट कोई निर्देश नहीं देगा.
लेकिन इस मामले को लेकर दो अन्य याचिकाएं फाइल की गयी हैं,उसकी सुनवाई अदालत द्वारा निर्धारित की गयी तिथि पर ही की जायेगी. मालूम हो कि मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अन्य शहरों में स्थित बालिका गृह में हुए यौन शोषण संबंधित मामले की जांच सीबीआई से कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए याचिका दायर की गयी है.
आरोप साबित हुए तो पति जायेंगे जेल और मैं दे दूंगी इस्तीफा : मंजू वर्मा
पटना : समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर कहा है कि आरोप साबित हुए तो उनके पति जेल जायेंगे. साथ ही वे स्वयं सामाजिक और राजनीतिक जीवन से इस्तीफा दे देंगी.
उन्होंने बृजेश ठाकुर से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया. वे विपक्षी दलों और बाल सुरक्षा अधिकारी रवि रौशन की पत्नी द्वारा उनके पति के खिलाफ लगाये गये आरोपों का जवाब दे रही थीं. उनके पति पर बालिका गृह में बार-बार जाने का आरोप लगाया जा रहा है. पति पर लगे आरोप को लेकर मंत्री से इस्तीफे की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसी के आरोप लगने से इस्तीफा देने का औचित्य नहीं है, इसे प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य का होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वे कुशवाहा जैसी पिछड़ी जाति से हैं, इसलिए उनके खिलाफ साजिश की जा रही है. ये बातें उन्होंने गुरुवार को अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं.
मंत्री ने कहा कि एक आरोपित (लालू प्रसाद) की पत्नी राबड़ी देवी के कहने पर इस्तीफा क्यों दूं? उन्होंने कहा कि जिस समय महागठबंधन सरकार में जदयू के साथ राजद शामिल था उस समय मीसा भारती और उनके पति सहित तेजस्वी यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आया था. उसे लेकर सीबीआई की छापेमारी हुई थी. उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू परिवार से इस मामले पर सफाई देने के लिए कहा तो किसी ने नहीं दिया. अब राजद नेताओं के आरोपों पर वे प्रतिदिन सफाई दे रही हैं.
आरोपों पर क्या कहा
वहीं बालिका गृह में बाल सुरक्षा अधिकारी रवि रौशन की पत्नी पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंजू वर्मा ने कहा कि अगर ऐसा कुछ था तो पिछले दो सालों से वो क्यों चुप थीं? उन्होंने आरोप लगाया कि अब वो खुद फंसने पर दूसरों को फंसा रही हैं. मंजू वर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता बुधवार को मुजफ्फरपुर गये थे. उनके मुजफ्फरपुर जाने के बाद ये बयान दिया जा रहा है.
एनजीओ चला रहा था बालिका गृह
मंत्री ने कहा कि बालिका गृह का संचालन एनजीओ कर रहा था. विभाग से तकरीबन 110 एनजीओ जुड़े हैं. इनमें से पांच के खिलाफ आपराधिक मामले सामने आये हैं. कोई एनजीओ गड़बड़ करता है तो इसमें विभाग की जिम्मेदारी बनती है. जो अधिकारी दागदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
दो साल पहले मैं मुजफ्फरपुर गयी थी. करीब 20 मिनट रुकी. मैं महिला थी तब भी बच्चियों ने मुझे इस संबंध में नहीं बताया. उनके कपड़े गंदे थे और खाना बनवाया जा रहा था. इसके चलते मैंने एनजीओ संचालक को डांट लगायी थी.
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार बाल सुरक्षा अधिकारी रवि रौशन की पत्नी शिभा कुमारी ने बुधवार को इससे पहले बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाये थे. उन्होंने कहा है कि मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा बालिका गृह में आते-जाते रहते थे और इस मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध है.
ब्रजेश समेत दस पर चार्जशीट दाखिल सीबीआई टीम का अब इंतजार
मुजफ्फरपुर : बालिका गृह कांड की जांच कर रही नगर पुलिस ने गुरुवार को पॉस्को कोर्ट में ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया. पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट के साथ 164 के बयान को साक्ष्य मान कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. साथ ही आरोपितों के खिलाफ 12 नयी धाराएं लगायी गयी हैं. आरोपितों पर जेजे एक्ट भी लगाया गया है.
देर शाम महिला थानेदार ज्योति कुमारी ने सभी आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया. इसमें सेवा संकल्प एवं विकास समिति का मुख्य संरक्षक ब्रजेश ठाकुर को बताया गया है. इसमें कहा गया कि धारा 164 के बयान में किरण आंटी पर पीड़ित बच्चियों ने गंभीर आरोप लगाये हैं. बाल कल्याण समिति के सदस्य विकास कुमार वहां अक्सर आते जाते थे. उनकी गतिविधि भी संदिग्ध पायी गयी है.
पीड़ित बच्चियों ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन की भी पहचान की थी. चार्जशीट में सीडब्लूसी के अध्यक्ष दिलीप वर्मा को फरार बताया गया है. कोर्ट से उसके खिलाफ इश्तेहार निकल चुका है. इसमें कहा गया कि 42 बच्चियों की मेडिकल जांच करायी गयी, जिसमें से 29 की पीएमसीएच से रिपोर्ट मिल चुकी है.
एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि बालिका गृह कांड में सभी दस आरोपितों के खिलाफ आईओ ज्योति कुमारी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है. इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर जांच जारी है. गुरुवार को नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन और आईओ के साथ एक दर्जन से अधिक बिंदुओं पर केस की समीक्षा की. उधर, जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपितों की गुरुवार को कोर्ट में पेशी हुई. अब आठ अगस्त को अगली तिथि निर्धारित की गयी है.
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