मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में सीबीआई ने राज्य सरकार की सिफारिश के बाद एफआइआर दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही सीबीआई की टीम मुजफ्फरपुर भी पहुंच गयी है. सीबीआई के अधिकारी शनिवार की रात ही मुजफ्फरपुर पहुंच कर एसएसपी से मुलाकात की. आज सीबीआई के एसपी मुजफ्फरपुर पहुंच कर पुलिस से केस की फाइल लेंगे. इसके बाद केस की फाइल पटना के सीबीआई कोर्ट में पेश की जायेगी. कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई आगे की अनुसंधान शुरू करेगी.सीबीआई ने बालिका गृह के अधिकारियों और कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है. सीबीआई ने इन सभी पर मानसिक, शारीरिक, यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया है.
CBI has registered a case on the request of Bihar Govt & further notification from Govt of India and taken over the investigation case related to mental, physical & sexual exploitation of girl children residing at Children Home at Sahu Road, Muzaffarpur (Bihar).
— ANI (@ANI) July 29, 2018
The case has been registered against Officers& employees of Balika Grih, Muzaffarpur. It is alleged that officials/employees of Balika Grih run by Seva Sankalp Evam Vikash Samiti used to mentality, physically&sexually exploit girls residing there. #Bihar
— ANI (@ANI) July 29, 2018
विदित हो कि CM नीतीश कुमार ने पूरे मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी. मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह की 34 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि हो गयी है. मुजफ्फरपुर रेंज के IG सुनील कुमार ने शनिवार को कहा था कि शेल्टर होम की 29 नहीं, बल्कि 34 लड़कियों के साथ रेप किया गया है. जांच में इसकी पुष्टी हो गयी है. जानकारी के मुताबिक शनिवार रात को सीबीआई के एक कॉन्सटेबल ने आईओ ज्योति कुमारी से एफआईआर की कॉपी केस स्टडी के लिए थी.
मुख्यमंत्री के अनुशंसा के पूर्व मामले की तहकीकात निष्पक्ष ढंग से हो, इसके लिए विपक्ष इसकी जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था. बिहार विधानमंडल और संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों मामला सदन में उठाये जाने और इस पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी ने 24 जुलाई को कहा था कि मैं अपनी जांच से पूरी तरह संतुष्ट हूं. मुझे इसमें कोई खामी नजर नहीं आ रही। इसलिए नहीं लगता कि सीबीआई या अन्य किसी एजेंसी द्वारा जांच किए जाने की आवश्यकता है.
गौरतलब हो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही 44 लड़कियों में 42 की मेडिकल जांच कराए जाने पर उनमें से 34 के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो चूकी है. मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ‘कोशिश’ टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया था. करीब 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार, पटना और जिला प्रशासन को भेजा. इसके बाद बालिका गृह से 46 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया. इनको पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया. बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग बच्चियों के साथ रेप करते थे. इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी. मामले में ब्रजेश ठाकुर, बालिका गृह की अधीक्षिका इंदू कुमारी समेत 10 लोगों को जेल भेजा जा चुका है.एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार दिए गए हैं और कुर्की की कार्रवाई की जा रही है.