डिप्टी मेयर के पक्ष में निकाला कैंडल मार्च, निगम में आज से पार्षदों का आमरण अनशन

मुजफ्फरपुर : डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के विरुद्ध पुलिस-प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगा आक्रोशित पार्षदों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. बुधवार से निगम में आमरण अनशन से पहले मंगलवार की शाम नगर आयुक्त संजय दूबे व प्रशासन के खिलाफ गोलबंद पार्षद व डिप्टी मेयर समर्थकों ने कैंडल मार्च निकाला. निगम परिसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2018 6:50 AM
मुजफ्फरपुर : डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के विरुद्ध पुलिस-प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगा आक्रोशित पार्षदों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. बुधवार से निगम में आमरण अनशन से पहले मंगलवार की शाम नगर आयुक्त संजय दूबे व प्रशासन के खिलाफ गोलबंद पार्षद व डिप्टी मेयर समर्थकों ने कैंडल मार्च निकाला.
निगम परिसर से कैंडल मार्च निकाल स्टेशन रोड, मोतीझील होते हुए कल्याणी तक गया. पार्षद शिवशंकर महतो, गीता देवी आदि ने प्रशासन से एक पक्षीय कार्रवाई के बजाय दलित पार्षद को अपमानित करने के मामले में नगर आयुक्त के विरुद्ध एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज केस में उन्हें अविलंब गिरफ्तार करने व पद से हटाने की भी मांग की है.
डिप्टी मेयर के खिलाफ वारंट जारी करने को सौंपा साक्ष्य : उपमेयर मान मर्दन शुक्ला के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट के लिए आइओ एसडी राम ने मंगलवार को केस डायरी के साथ ही घटना से संबंधित सीडी एसडीजीएम पूर्वी शैलेन्द्र कुमार राय की कोर्ट में पेश किया. बुधवार
को डिप्टी मेयर के खिलाफ वारंट जारी हो सकता है.
मैं असहज व असुरक्षित : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त संजय दूबे ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद को गोपनीय पत्र लिख कर कहा है िक मुजफ्फरपुर में वह असहज व असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. डिप्टी मेयर के विरुद्ध दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के बाद प्रतिरोध में मेरे विरुद्ध कोर्ट में केस दर्ज कराया गया है. इसके अलावा मेरे व मेरी पत्नी के आयकर रिटर्न को भी आधार बना कर मुझे फंसाने की कोशिश सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू कर दी गयी है. मेरे चरित्र का हनन करने के उद्देश्य से तीन महिला पार्षदों का गलत बयान रिकॉर्ड करा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. ये सभी आरोप नगर आयुक्त ने डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला पर लगाये हैं.
प्रशासन नहीं चाहता कि मामला सुलझे : मेयर
मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि हमने विवाद को सुलझाने की पूरी कोशिश की. शहर का मेयर होने के नाते शहर में शांति-व्यवस्था कायम रहे, इसके लिए हमने खुद डीएम, एसएसपी व डीआइजी से अलग-अलग बातचीत की, लेकिन अफसोस है कि किसी ने कोई पहल नहीं की. डीआइजी ने आश्वासन दिया. हालांकि, उनसे मिलने के अगले ही दिन दोबारा पुलिस डिप्टी मेयर के घर छापेमारी कर दी गयी. इससे पार्षदों में भारी आक्रोश है. अब आंदोलन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

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