मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड : पीड़िताओं की पहचान उजागर करना पड़ा महंगा, आरोपित की पत्नी के खिलाफ FIR दर्ज
मुजफ्फरपुर : सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में पीड़ित लड़कियों की पहचान व फोटो वायरल करने के मामले में जेल में बंद निलंबित बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) रवि रोशन की पत्नी शिभा कुमारी पर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी […]
मुजफ्फरपुर : सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में पीड़ित लड़कियों की पहचान व फोटो वायरल करने के मामले में जेल में बंद निलंबित बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) रवि रोशन की पत्नी शिभा कुमारी पर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है. शिभा कुमारी ने ही तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के बालिका गृह जाने की बात कह बवाल खड़ कर दिया था. इसके बाद के घटनाक्रम में मंत्री मंजू वर्मा को पद से इस्तीफा देना पड़ा.
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िताओं की पहचान वायरल करने के मामले में संज्ञान लेकर बिहार सरकार से जवाब-तलब किया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीड़िताओं की पहचान उजागर करने वाली आरोपित की पत्नी को गिरफ्तार किया जाये. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए मुख्यालय के आदेश पर महिला थाने की पुलिस ने अपने बयान पर केस दर्ज किया है.
गौरतलब हो कि बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन बालिका गृह प्रकरण में जेल में बंद हैं. पति के जेल भेजे जाने के बाद से ही बचाव में उसकी पत्नी तरह-तरह का बयान दे रही थी. इसी दौरान उसने पीडि़त लड़कियों की पहचान भी उजागर कर दी थी. पति को निर्दोष बताते हुए अधिकारियों को आवेदन दिया था जिसमें पीड़िताओं के नाम व पत्ते का उल्लेख था. इतना ही नहीं इस आवेदन को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था. उसने आरोप लगाया था कि पूरे मामले में समाज कल्याण विभाग के पटना स्तर के कई वरीय अधिकारी व कई सफेदपोश शामिल हैं. पुलिस संस्था ‘सेवा संकल्प’ के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व क्लर्क को बचाने की कोशिश कर रही है. राजेश रौशन, जो आरोपित ब्रजेश ठाकुर का कर्ता-धर्ता है, उसे बचाने के लिए पुलिस ने उसके पति रवि कुमार रौशन को फंसाया है.