एसकेएमसीएच में 13 बच्चे भर्ती

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में डायरिया व वायरल फीवर से पीड़ित रोज करीब 12 से 15 मरीज भर्ती हो रहे हैं. शनिवार को आेपीडी में 1063 मरीज का इलाज किया गया, इनमें दो सौ बच्चे थे. ज्यादातर बच्चे मौसमी बुखार व दस्त से पीड़ित थे. इनमें से 13 बच्चों को भर्ती कर लिया गया. भर्ती किये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2018 5:17 AM

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में डायरिया व वायरल फीवर से पीड़ित रोज करीब 12 से 15 मरीज भर्ती हो रहे हैं. शनिवार को आेपीडी में 1063 मरीज का इलाज किया गया, इनमें दो सौ बच्चे थे. ज्यादातर बच्चे मौसमी बुखार व दस्त से पीड़ित थे. इनमें से 13 बच्चों को भर्ती कर लिया गया. भर्ती किये गये बच्चों में मोतिहारी के फेनहारा छकरपट्टी के नागेंद्र राम के पुत्र सुमन कुमार (6), रून्नीसैदपुर के नरेश बैठा का पुत्र इदल कुमार (13), मीनापुर अलीनेउरा निवासी सकलराम की पुत्री सेजना कुमारी,

अहियापुर के सलेमपुर निवासी रूपलाल पासवान का पुत्र अनमोल कुमार, मोतिहारी के राजेपुर के संतोष सहनी की पुत्री रोशनी कुमारी, सरैया के मो मुस्लिम के पुत्र सद्दाम हुसैन, मोतिहारी का पुत्र सूरज कुमार, चकिया के संजय गुप्ता का पुत्र पीयूष गुप्ता व चकमेहसी के लक्ष्मण कुमार का पुत्र प्रिंस शामिल है.

कुमार, मकसूदपुर के शिव शंकर शाह का पुत्र प्रियांशु कुमार, नवादा के बिंदेश्वर राय का पुत्र संजीव कुमार व गायघाट के राजकुमार की पुत्री मौसमी कुमारी का इलाज चल रहा है. डॉक्टर का कहना है कि जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वे मौसम परिवर्तन के साथ बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. सुबह में मौसम ठंडा और दोपहर में गर्मी होने से डायरिया व वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ रहा है. इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. शुद्ध पेयजल का प्रयोग करें. हो सके तो पानी उबाल कर पीना चाहिए.
ऑक्सीजन का पाइप खुलने से मबी अफरा-तफरी
एसकेएमसीएच के औषधि विभाग के पुरुष वार्ड संख्या तीन में शनिवार की शाम अचानक ऑक्सीजन पाइपलाइन से तेज आवाज निकलने लगी. इससे वार्ड में भर्ती मरीजों में अफरा-तफरी मच गयी. सभी वार्ड से बाहर भागने लगे. सुरक्षा कर्मियों ने स्वास्थ्य मैनेजर के सहयोग से वार्ड में जाकर खुले ऑक्सीजन पाइपलाइन को बंद किया.
इसके बाद मची अफरा तफरी शांत हुआ. जांच के दौरान पता चला कि किसी मरीज के परिजन ऑक्सीजन को खोल दिये. इससे अचानक से आवाज होने लगी. मरीजों के बीच आग लगने की अफवाह फैल गयी.

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