स्वयंसेवी संस्थाओं ने टिस को नौकरी छोड़ चुके लोगों को बताया अपना कर्मचारी

मुजफ्फरपुर : ल व बालिका गृहों में एनजीओ का एक और खेल सामने आया है. गृह चलाने वाली संस्थाओं ने अपने यहां काम छोड़ चुके कर्मचारियों के नाम सोशल आॅडिट करने आयी टिस की टीम को बता दिये. इसका खुलासा दरभंगा और भागलपुर में टिस की रिपोर्ट के अंतिम पन्नों को देखने पर हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2018 5:20 AM

मुजफ्फरपुर : ल व बालिका गृहों में एनजीओ का एक और खेल सामने आया है. गृह चलाने वाली संस्थाओं ने अपने यहां काम छोड़ चुके कर्मचारियों के नाम सोशल आॅडिट करने आयी टिस की टीम को बता दिये. इसका खुलासा दरभंगा और भागलपुर में टिस की रिपोर्ट के अंतिम पन्नों को देखने पर हुआ है. दरभंगा में आश्रय गृह चलाने वाली संस्था ने टिस की टीम काे अपने यहां कोऑर्डिनेटर का नाम कौसर आजम बताया था. टिस की रिपोर्ट में कौसम आजम का पता और फोन नंबर भी दिया गया है. लेकिन कौसर वहां से दो साल पहले काम छोड़ चुके हैं. खुद कौसर ने इसकी पुष्टि की. कौसर ने बताया वह अब दरभंगा के गृह में काम नहीं करते हैं.

लेकिन उनका नाम क्यों वहां चल रहा है, इसके बारे में कुछ कहने से इनकार किया. बस इतना कहा कि हो सकता है कोई नया कर्मचारी नहीं आया हो, इसलिए नाम चलाया जा रहा हो. दरभंगा के अलावा भागलपुर में भी यही खेल हुआ है. नाथनगर स्थित रमानंदी हिंदू अनाथालय में भी सचिव के स्थान पर जिनका नाम है, वे एक साल से वहां नहीं हैं. वहां अब नये सचिव उमेश यादव हैं. अनाथालय की अधीक्षक अनुश्री ने कहा कि नये सचिव एक साल से काम कर रहे हैं.

कहीं पैसे का खेल तो नहीं!. टिस की ऑडिट टीम को गलत रिपोर्ट देने को पैसे के फर्जीवाड़‍ा से जोड़ा जा रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, एनजीआे को कर्मचारियों के वेतन के लिए भी पैसे मिलते थे. लेकिन जब एनजीओ में पद पर कर्मचारी ही नहीं थे, तो वेतन किसे जाता था

Next Article

Exit mobile version