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जमानत पर छूटने के कुछ ही देर बाद नक्सली कमांडर गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर : पुलिस ने एक बार फिर नक्सलियों की कमर तोड़ने का प्रयास किया है. एक साल से जेल में बंद नक्सली कमांडर लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर के जमानत पर जेल से निकलते के कुछ ही मिनट बाद एएसपी अभियान विमलेश चंद्र झा ने उसे गिरफ्तार कर शिवहर पुलिस को सौंप दिया. इसके पूर्व मिठनपुरा […]

मुजफ्फरपुर : पुलिस ने एक बार फिर नक्सलियों की कमर तोड़ने का प्रयास किया है. एक साल से जेल में बंद नक्सली कमांडर लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर के जमानत पर जेल से निकलते के कुछ ही मिनट बाद एएसपी अभियान विमलेश चंद्र झा ने उसे गिरफ्तार कर शिवहर पुलिस को सौंप दिया. इसके पूर्व मिठनपुरा थाने पर उससे पूछताछ भी हुई. पिछले एक वर्ष से विभिन्न नक्सली वारदातों में आरोपित उत्तर बिहार का जोनल कमांडर लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर उर्फ प्रलय जी को पुलिस जमानत मिलने के कुछ ही मिनट बाद मिठनपुरा के पक्की सराय से गिरफ्तार कर लिया.
शिवहर जिले के एक नक्सली कांड में उसके वांछित होने के कारण गिरफ्तार किये जाने की बात बतायी जा रही है. शुक्रवार की सुबह वह जमानत पर जेल से निकला था. एएसपी अभियान विमलेश चंद्र झा के नेतृत्व में पुलिस टीम सुबहसात बजे से ही घात लगाकर उसका इंतजार कर रही थी. शहीद खुदीराम केंद्रीय कारा से निकल वह अपने गंतव्य की ओर जा रहा था. इसी बीच पक्की सराय चौक पर घेराबंदी कर उसकी गिरफ्तारी कर ली गयी.
चौकीदार की हत्या के बाद सुर्खियों में आया था भास्कर
लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर जी उर्फ प्रलय ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसीआई के प्रदेश जोनल कमेटी के अध्यक्ष की कमान मैनुद्दीन की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद संभाली थी. वह पहली बार 2001 में शिवहर दफादार हत्याकांड में चर्चा में आया था. उस घटना के बाद वह संगठन का विश्वासपात्र बन गया. 2001 में ही हत्या, बैंक लूट समेत कई गंभीर वारदातों को उसने अंजाम दिया.
वर्ष 2005 में मधुबन धमाका को अंजाम देकर चर्चित हुआ. मधुबन में एक ही साथ छह घटनाएं हुई थीं, जिसमें बैंक लूट, हत्या व पुलिस एनकाउंटर आदि शामिल हैं. इसी वर्ष पताही थाना के बतौना दर्जी टोला में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में जोनल कमांडर मैनुद्दीन मारा गया था. जिसके बाद से संगठन ने भास्कर को यह जिम्मेदारी सौंपी थी. भास्कर जन अदालत लगाकर सजा भी सुनाता था.
भास्कर का नक्सली इतिहास
– 2001 में शिवहर में दफादार की हत्या
– देकुली एवं सलेमपुर में बैंक लूट
– 2005 में मधुबन धमाका
– 2006 में घोड़ासहन में पुलिस व नक्सली मुठभेड़ में शामिल
– 2006 में ही जहानाबाद में बैंक लूट
– 2007 में रीगा में बैंक लूट, पताही में लूट, मुजफ्फरपुर के तुर्की में हत्या
– 2009 में पताही पुलिस की गश्ती के दौरान केन बम लगाकर पुलिस जीप को उड़ाने
– 2010 में राजेपुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर स्टेट क्रीमचंद्र कुशवाहा के मैनेजर रंजीत साह व अरुण कुमार की गोली मारकर हत्या
– 2011 में राजेपुर के डेरा चौक पर केन बम लगाकर पुलिस जीप को उड़ाने
– 2011 में ही शेखपुरवा में हत्याकांड को अंजाम देना
– 2016 में पकड़ीदयाल में हत्या
पिछले साल दिसंबर माह में पताही से हुई थी गिरफ्तारी
पिछले 10 दिसंबर 2017 को मोतिहारी के पताही थाना स्थित परसौनी से उत्तर बिहार के जोनल कमांडर लालबाबू सहनी सहित तीन हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार नक्सलियों में लालबाबू उर्फ भास्कर जी उर्फ निर्भय जी उर्फ अनिल उर्फ प्रलय के अलावा बलराम सहनी और मुश्ताक आलम उर्फ मुस्कान की गिरफ्तारी हुई थी.
पूछताछ के बाद तीनों को जेल भेज दिया गया था. नक्सलियों के पास से देसी पिस्टल, 315 के तीन जिंदा कारतूस, पांच डेटोनेटर, 7.62 एमएम के 10 एसएलआर के जिंदा कारतूस, लेवी मांगने की रसीद, 11 हजार रुपये, विधानसभा चुनाव बहिष्कार के पोस्टर, तीन मोबाइल, तीन सिम, तीन घड़ी बरामद हुई थी.

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