आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सरैयागंज टावर पर किया प्रदर्शन, तीन घंटे रोका ट्रैफिक

मुजफ्फरपुर : आंगनबाड़ी सेविकाओं ने बारिश में भींगते हुए छह घंटे तक प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने तीन घंटे सरैयागंज टावर को जाम किया. शाम चार बजे से सात बजे तक कलेक्ट्रेट में हंगामा किया. जाम से शहर की ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो गयी. प्रदर्शन का नेत‍ृत्व जिलाध्यक्ष कांति देवी व सचिव प्रतिमा देवी ने किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2018 6:46 AM
मुजफ्फरपुर : आंगनबाड़ी सेविकाओं ने बारिश में भींगते हुए छह घंटे तक प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने तीन घंटे सरैयागंज टावर को जाम किया. शाम चार बजे से सात बजे तक कलेक्ट्रेट में हंगामा किया. जाम से शहर की ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो गयी. प्रदर्शन का नेत‍ृत्व जिलाध्यक्ष कांति देवी व सचिव प्रतिमा देवी ने किया.
आंगनबाड़ी सेविकाएं सुबह 11 बजे से ही कलेक्ट्रेट में जुटने लगी थीं. इसके बाद दोपहर साढ़े 12 बजे सेविकाओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में बैठक कर रणनीति तैयार की. इसके बाद सेविकाएं सरैयागंज टावर चौक पहुंच गयीं आैर उसे जाम कर दिया. इससे चाराें ओर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गयी. टावर चौक से लेकर गरीबनाथ मंदिर, कलेक्ट्रेट, जवाहर लाल रोड में गाड़ियां फंस गयीं. टावर चौक पर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घेराबंदी कर बैठ गयीं और सरकार विरोधी नारे लगाती रहीं. करीब तीन घंटे तक टावर चौक पर सेविकाओं का प्रदर्शन जारी रहा.
आंगनबाड़ी सेविका संघ की जिलाध्यक्ष कांति देवी और सचिव प्रतिमा देवी ने बताया कि एक ही जिले में पोषाहार की राशि अलग-अलग मिलती है. किसी प्रखंड में 15 हजार, किसी में 17 हजार, तो किसी में 21 हजार रुपये दिये जाते हैं. इससे हम मेन्यू के अनुसार पोषाहार नहीं दे पाते हैं. इसके अलावा जीविका दीदी और आगा खां जो आंगनबाड़ी के बच्चों को अगल से पढ़ायेंगे, वह हमारे यहां ही क्यों नहीं पढ़ाते. सेविकाओं ने बताया कि पहले उन्हें जिलाधिकारी से बातचीत करने को बुलाया गया था, लेकिन दोपहर में उनसे मुलाकात नहीं हुई.
टावर चौक को जाम करने के बाद शाम चार बजे सेविकाएं फिर कलेक्ट्रेट पहुंच गयीं और धरने पर बैठ गयीं. तीन घंटे तक हंगामा करने के बाद शाम सात बजे जिलाधिकारी मो सोहैल ने पांच सेविकाओं को बातचीत के लिए बुलाया. बातचीत में डीएम ने आश्वासन दिया कि एक महीने में पोषाहार की राशि समान कर दी जायेगी. बाकी जो मांगें हैं, उन्हें सरकार को भेज दिया जायेगा. इसके बाद सेविकाओं का धरना समाप्त हुआ.

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