पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में अब आयकर विभाग की इंट्री होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस कांड के मुख्य आरोपी और ‘सेवा संकल्प’ एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर के बही-खातों की जांच की जाये. सूत्रों ने बताया कि पिछले 10 सालों में सरकार ने ‘सेवा संकल्प’ एनजीओ को करीब साढ़े चार करोड़ रुपये जारी किये हैं. इसकी पड़ताल की जाये. आखिर इसमें से कितना पैसा किस काम में खर्च हुआ और जो बचा उसे अपनी कमाई में दर्शाया गया कि नहीं. आयकर विभाग दस्तावेजों को जुटाने में लग गया है. जल्दी ही ब्रजेश ठाकुर को नोटिस भी जारी किया जायेगा.
खास बात यह है कि आयकर विभाग पिछले छह सालों का ही रिकॉर्ड खंगालेगा. नियमानुसार अधिकतम छह सालों की ही जांच हो सकती है. जाहिर है, इससे ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें और बढ़ेगी. उधर, बिहार और झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कैलाश चंद्र घुमरिया पहले ही कह चुके हैं कि 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गयी है. उन्होंने बिहार के अन्य गैर सरकारी संगठनों की भी जांच की बात कही थी.
गौरतलब हो कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीस) मुंबई की टीम जब जनवरी माह में सोशल ऑडिट करने पहुंची तो बालिका गृह में कई स्तर पर गड़बड़ी मिली. मुजफ्फरपुर से मधुबनी, मोकामा और पटना भेजी गयीं बच्चियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया तो हकीकत सामने आयी. 44 में से 42 बच्चियों का मेडिकल कराया गया, जिनमें 29 से यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. बालिका गृह के संचालन की जिम्मेदारी सेवा संकल्प समिति को 2013 में सौंपी गयी थी.