7 घंटे तक इलाज के लिए अस्पताल में इंतजार करती रही दिव्यांग दुष्कर्म पीड़िता
बिहार : बिहार के मुजफ्फरपुर से एक बार फिर बेहद शर्मनाक घटना प्रकाश में आया है. घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. दरअसल, मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां पहले एक दिव्यांग से दुष्कर्म हुआ और फिर उसे मेडिकल जांच के लिए सात घंटों का इंतजार कराया गया. इस […]
बिहार : बिहार के मुजफ्फरपुर से एक बार फिर बेहद शर्मनाक घटना प्रकाश में आया है. घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. दरअसल, मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां पहले एक दिव्यांग से दुष्कर्म हुआ और फिर उसे मेडिकल जांच के लिए सात घंटों का इंतजार कराया गया. इस दौरान पीड़िता दर्द से तड़प रही थी. वहीं, अस्पताल प्रशासन औपचारिकताएं पूरी नहीं होने की बात कह कर बात को टालता रहा. जब दिव्यांगों के हित में काम करने वाली एक संस्था विकलांग अधिकार मंच जब पटना से वहां पहुंच कर दबाव बनाया तब जाकर सात घंटे बाद पीड़िता की मेडिकल जांच हो सकी. जांच में देरी के पीछे कारण था की पुलिस की मेडिकल जांच वाली पर्ची में केस नंबर दर्ज नहीं था.
सदर अस्पताल पहुंचे संस्था के पदाधिकारियों ने जब सदर अस्पताल प्रबंधन पर दबाव डाला तब जाकर जांच की गयी. इस मामले में जब अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर मेहंदी हसन से पूछा गया तोउन्होंने साफ कहा कि औपचारिकताएं पूरी किये बगैर कुछ नहीं किया जा सकता, चाहे इसमें कितनी भी देर हो जाये. फिलहाल बच्ची पुलिस की देखरेख में सदर अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है.
12 साल की मासूम को गांव के ही एक मनचले ने अपनी हवस का शिकार बनाया. लड़की के साथ दुष्कर्म की जानकारी होने पर पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां, अस्पताल में बच्ची को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल में सात घंटे सिर्फ इसलिए रोका रखा गया क्योंकि पुलिस के मेडिकल जांच अनुरोध पत्र में केस नंबर दर्ज नहीं था.