प्रभात कुमार
मुजफ्फरपुर : एस्सेल कंपनी की ओर बदले जा रहे मीटर की गुणवत्ता संदेह के घेरे में है. लाइट जलाते ही गोली की रफ्तार से उठ रहे यूनिट ने उपभोक्त ाओं को बेदम कर रखा है. दूसरी तरफ, अभी तक शहर में एस्सेल कंपनी बिना एमआरटी के ही मीटर लगा रही है. जबकि बिजली के निजी हाथ में जाने के पहले मीटर को टेस्ट किया जाता था.
इसके लिए रामदयालु में मीटर टेस्टिंग लैब था. जहां पर उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने के पहले करीब दो दिनों तक मीटर में करेंट देकर मीटर की रफ्तार सहित गुणवत्ता की जांच होती थी, लेकिन जब से शहर की बिजली निजी हाथ में गयी है. कंपनी द्वारा मीटर बदलने का काम शुरू किया गया है. उपभोक्ता मीटर तेज चलने की शिकायत
करते रहे हैं.
उठ रहा दो गुणा यूनिट
कंपनी द्वारा बदले गये नये मीटर से लोग किस तरह परेशान हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब कोई एस्सेल की मीटर की कहानी सुन अपना मीटर बदलवाना नहीं चाहता है. बिजली ऑफिस में बिल जमा करने पहुंचने वाले उपभोक्ताओं का कहना है कि इस मीटर से अच्छा तो पुराना वाला ही मीटर है.
हर रोज ऑफिस में उपभोक्ताओं से अधिकारियों की बकझक होती रहती है. कोई अपना फिर से मीटर चेंज करना चाहता है तो कोई अपना मीटर टेस्ट कराना चाहता है. जिनका मीटर बदल दिया गया है उनका कहना है कि नये मीटर से दो गुणा अधिक यूनिट उठ रहा है.
लैब में टेस्ट जरू री
सवाल है कि मीटर लगाने से पहले एमआरटी(मीटर रीडिंग टेस्ट) टेस्ट क्यों नहीं कराया जा रहा है. इस सवाल के जवाब में कंपनी के अधिकारी कहना है कि मीटर कंपनी टेस्टेड है. इसमें टेस्ट कराने की जरुरत नहीं है. डबल सील किया हुआ है. मगर तकनीकी जानकारों की मानें तो मीटर लगाने का यह मानक नहीं है.
सभी कंपनी अपने मीटर पर टेस्टेड का लोगो लगा कर ही देती है. लेकिन बिजली विभाग के नियम के तहत उपभोक्ताओं के घरों में लगाने से पहले इसे लैब में टेस्ट किया जाना आवश्यक है. निजी कंपनी के बिजली टेक ओवर करने से पहले तक इसी नियम के अनुसार ही मीटर बदले जाते रहे हैं.