मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड : ब्रजेश की करीबी मधु ने कोर्ट में किया सरेंडर, CBI ने किया ये बड़ा खुलासा

मुजफ्फरपुर :मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की करीबी सहयोगी मधु मंगलवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुई और कहा कि आश्रय गृह में जो कुछ हुआ, उसकी उसे जानकारी नहीं थी. मधु ने कहा कि न तो वह इस मामले में आरोपी है और न ही उसके खिलाफ वारंट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2018 12:39 PM

मुजफ्फरपुर :मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की करीबी सहयोगी मधु मंगलवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुई और कहा कि आश्रय गृह में जो कुछ हुआ, उसकी उसे जानकारी नहीं थी. मधु ने कहा कि न तो वह इस मामले में आरोपी है और न ही उसके खिलाफ वारंट जारी किया था. लेकिन उसने सीबीआई अधिकारियों से मिलने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि जांचकर्ता कई बार उसके घर आये जिससे उसके परिवार वालों को असुविधा हुई.

वहीं,मधु की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई के अधिकारियों ने बड़ा बयान दिया है. सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि मधु बच्चियों को यौन संबंध रखने के तरीके बताती थी. अधिकारियों ने यह भी कह कि मधु की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है.

मधु ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मुझे डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैं तो उस आश्रय गृह से जुड़ी भी नहीं थी जो जांच के दायरे में है. मैं ठाकुर के लिए काम जरूर करती थी लेकिन वहां क्या हुआ, मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है.” सीबीआई के अधिकारी उसे यहां जिला अदालत परिसर के भीतर स्थित अपने कैंप कार्यालय ले गये. मधु के साथ उसके वकील भी मौजूद थे. उसने अपना चेहरा दुपट्टे से ढका हुआ था. सीबीआई कार्यालय के भीतर जाने से पहले उसने कहा, “मैं सीबीआई को पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हूं. हालांकि, मुझे किसी राज की जानकारी नहीं है. मैं यह नहीं कह सकती कि ठाकुर किसी अवैध गतिविधि में शामिल था या नहीं. भले ही मैं उसके कुछ समाचारपत्रों संबंधी मामले देखती थी लेकिन मैं उन खबरों से इन्कार करती हूं कि मैं मंत्रियों एवं अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ संपर्क कर ठाकुर के कारोबार को बढ़ावा देती थी.”

नेपाल में छिपे होने की खबर पर हंसते हुए उसने कहा कि वह बिहार में ही थी और कहीं नहीं छिपी थी. मधु ने कहा, “मेरे पास छिपने का कोई कारण नहीं था. मैंने सीबीआई के समक्ष अब पेश होने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि हाल ही में जांचकर्ता कई बार मेरे घर आये और इससे मेरे परिवार के सदस्यों को असुविधा हुई थी.” मधु को पहले शाइस्ता के नाम से जाना जाता था. वह नगर के चतुर्भुज स्थान इलाके की निवासी थी और कुछ साल पहले ठाकुर के साथ संपर्क में आयी थी जब वहां रेड लाइट इलाके से छुड़ाई गयी लड़कियों के पुनर्वास के लिए एक अभियान चलाया गया था.

मीडिया की खबरों में दावा किया गया था कि वह ठाकुर के स्वामित्व वाले सभी एनजीओ के कामों को देखती थी. इसमें ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ भी शामिल था जो आश्रय गृह चलाता था और जहां रहने वाली लड़कियों का यौन शोषण हुआ. यह मामला पहली बार टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को जमा की गयी ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया. ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी. अब तक ठाकुर समेत 17 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.

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