मुजफ्फरपुर : बिहारके मुजफ्फरपुर बालिका गृहदुष्कर्मकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)को आज बड़ीकामयाबीमिली है. सीबीआई ने मंगलवार को बच्चियों को नशीला इंजेक्शन देने का आरोपित डॉक्टर अश्विनी कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है. डॉक्टर अश्विनी कुमार को सीबीआई ने जिले केफतेहपुरगांव से गिरफ्तारकियाहै. अश्विनी कुमार पर बच्चियों को नशीला इंजेक्शन देने का आरोप लगा है.
Muzaffarpur shelter home case: Dr Ashwani Kumar has been arrested by Central Bureau of Investigation (CBI) from Kudhni area. He is a local doctor who allegedly used to inject minor girls with drugs. #Bihar
— ANI (@ANI) November 20, 2018
मधु का करीबी था डॉक्टर
सीबीआई ने बालिका गृह के लिए झोलाछाप डॉक्टर का काम करने वाला अश्विनी कुमार को सोमवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी फतेहपुर गांव से की गयी है. सीबीआई के एक डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम मोबाइल लोकेशन के आधार पर छापेमारी की थी. अश्विनी सेवा संकल्प एवं विकास समिति में टीआई विंग के प्रोजेक्ट से जुड़ा था. वह मधु का भी काफी करीबी था. मधु अक्सर उसकी बाइक के पीछे बैठ कर ही कहीं आती जाती थी. वह नगर थाना क्षेत्र के जेल चौक का रहने वाला था. सीबीआई की दबिश के बाद वह यूपी भाग गया था. अश्विनी सूई देने से लेकर स्लाइन चढ़ाना भी जानता है. बालिका गृह में स्थित मिनी ऑपरेशन रूम से बड़ी संख्या में दवा व इंजेक्शन बरामद किया गया था. सीबीआई की टीम उससे इस संबंध देर रात तक पूछताछ करती रही.
आश्रय गृह में जो कुछ हुआ, मुझे नहीं थी जानकारी : मधु
इससे पहलेमुजफ्फरपुर कांड में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की करीबी सहयोगी मधु को सीबीआई केसमक्ष पेश हुई और कहा कि आश्रय गृह में जो कुछ हुआ, उसकी उसे जानकारी नहीं थी. मधु ने कहा कि न तो वह इस मामले में आरोपित है और न ही उसके खिलाफ वारंट जारी किया था. लेकिन, उसने सीबीआई अधिकारियों से मिलने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि जांचकर्ता कई बार उसके घर आये, जिससे उसके परिवार वालों को असुविधा हुई. वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान उन्हें पता चला कि मधु बच्चों को सेक्स कैसे करते हैं, यह सिखाने में शामिल थी.
कुछ साल पहले ठाकुर के साथ संपर्क में आयी थी मधु
गौरतलबहै कि मधु को पहले शाइस्ता के नाम से जाना जाता था. वह नगर के चतुर्भुज स्थान इलाके की निवासी थी और कुछ साल पहले ठाकुर के साथ संपर्क में आयी थी जब वहां रेड लाइट इलाके से छुड़ाई गई लड़कियों के पुनर्वास के लिए एक अभियान चलाया गया था. मीडिया की खबरों में दावा किया गया था कि वह ब्रजेश ठाकुर के स्वामित्व वाले सभी एनजीओ के कामों को देखती थी. इसमें ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ भी शामिल था जो आश्रय गृह चलाता था और जहां रहने वाली लड़कियों का यौन शोषण हुआ.