भूख से हारी जिंदगी की जंग मरने पर प्रशासन ने दिया अनाज

मनियारी : भूख से लड़ते लड़ते पवन जिंदगी से हार गया. पवन चार सालों से बीपीएल के तहत राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों में एड़ियां घिस रहा था. शनिवार को जब सांस की डोर ने साथ नहीं दिया तो उसकी जीवन लीला खत्म हो गई. पवन मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2018 8:18 AM
मनियारी : भूख से लड़ते लड़ते पवन जिंदगी से हार गया. पवन चार सालों से बीपीएल के तहत राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों में एड़ियां घिस रहा था. शनिवार को जब सांस की डोर ने साथ नहीं दिया तो उसकी जीवन लीला खत्म हो गई. पवन मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता था. हैरत यह है कि मरने के बाद बीडीओ ने मृतक को चावल और गेहूं दिये.
पवन कुमार वर्मा मनियारी थाने महंथ मनियारी का रहने वाला था. गांव के उपसरपंच विजय कुमार ने कहा कि राशन कार्ड बनवाने के लिए वह पंचायत से लेकर प्रखंड दौड़ा था.लेकिन अफसरों की नजर न तो उस पर पड़ी और न उसके आवेदन पर. मौत की सूचना पर पहुचे कुढ़नी प्रखंड बीडीओ हरिमोहन कुमार ने बताया कि मौत की सूचना है.छानबीन में पता चला कि मौत स्वाभाविक है. मृतक के दाह संस्कार के लिये 3000 रुपये और 25 किलो गेहूं व 25 चावल मुहैया दिया गया है.
पंचायत सचिव ने कहा, चंदा कर जलाओ शव : मौत के बाद मृतक अधेड़ मजदूर के परिजनों ने पैसे की लाचारी के कारण ग्रामीणों के मोबाइल से पंचायत सचिव तेज बहादुर सिंह को फोन लगाया. ग्रामीणों ने पंचायत सचिव से कहा मृतक मजदूर की मौत भूख के कारण हो गयी है आकर देखिये, कबीर अंत्येष्टि की राशि दीजिये.सचिव ने कहा सरकारी खजाने में पैसे खत्म हो गयी है. चंदा मांगकर दाह संस्कार कीजिये.
कई बार गुहार लगायी, पर नहीं मिला राशन
मृतक पवन के भाई अशोक ने बताया कि भूख और इलाज के अभाव में मेरा भाई चल बसा. कुछ साल पहले भाई पवन की पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ इसको छोड़ कर चली गयी थी.उसके बाद मजदूरी करता व खाना खाता था.इससे पूर्व लाल राशन कार्ड जब तक चलता था, तबतक राशन दिया गया.उसके बाद उजला राशन कार्ड के लिए मुखिया से लेकर प्रखंड बीडीओ तक गुहार लगाई पर कुछ नहीं हुआ. ड्राफ्ट सूची में मेरा नाम है पर अब तक राशन कार्ड नहीं मिलने से डीलर राशन नहीं दे रहा है.

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