मुजफ्फरपुर : लॉटरी से हुए तहसीलदारों के तबादले को मेयर ने किया रद्द, मेयर ने कहा – स्थायी समिति के निर्णय का हुआ उल्लंघन

मुजफ्फरपुर : नगर निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ पहली बार लाॅटरी सिस्टम से हुए 43 तहसीलदारों के तबादले को मेयर सुरेश कुमार ने 24 घंटे के अंदर रद्द कर दिया. नगर आयुक्त संजय दूबे ने सशक्त स्थायी समिति के निर्णय का हवाला देते हुए सोमवार को तहसीलदारों का सामूहिक तबादला किया था. प्रक्रिया में पारदर्शिता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2018 6:57 AM
मुजफ्फरपुर : नगर निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ पहली बार लाॅटरी सिस्टम से हुए 43 तहसीलदारों के तबादले को मेयर सुरेश कुमार ने 24 घंटे के अंदर रद्द कर दिया. नगर आयुक्त संजय दूबे ने सशक्त स्थायी समिति के निर्णय का हवाला देते हुए सोमवार को तहसीलदारों का सामूहिक तबादला किया था.
प्रक्रिया में पारदर्शिता बरकरार रहे, इसके लिए उन्होंने वीडियोग्राफी कराने के साथ निगम के आठ पार्षदों को बुला उनसे लाॅटरी के जरिये तबादले की प्रक्रिया को पूर्ण कराया था. हालांकि, मेयर को जब इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने तबादले पर कड़ी आपत्ति करते हुए नगर आयुक्त पर मनमानी करने का आरोप लगाया.
इससे दोनों के बीच फिर से तनातनी की नौबत आ गयी है. इधर, नगर आयुक्त के फैसला के बाद बिना आपत्ति तेजी से तहसीलदार नये वार्डों में योगदान देना शुरू कर दिये है. 24 घंटे के भीतर 17 तहसीलदार नये वार्ड में योगदान दे दिया है.
मेयर का दावा, राजस्व वसूली होगी प्रभावित
मेयर ने तबादले को रद्द करते हुए जो पत्र जारी किया है, उसमें कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति में महज चार माह का समय शेष रह गया है. ऐसे में राजस्व वसूली में लगे तहसीलदारों के सामूहिक तबादले से राजस्व का काम बाधित होगा. जिसका असर सीधे नगर निगम के बजट पर पड़ेगा.
नगर आयुक्त का यह राजस्व का कमर तोड़ने वाला फैसला है. उन्होंने नगर आयुक्त पर भविष्य में ऐसी भूल नहीं करने की भी नसीहत दी है. ताकि, उन्हें मजबूर होकर कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़े.
नगर आयुक्त ने कहा, बढ़ेगी आमदनी, फैसला सही
नगर आयुक्त संजय दूबे अपने फैसला पर अडिग हैं. कहा, तबादले की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है. इससे राजस्व वसूली घटने के बजाय बढ़ेगा. किसी भी तहसीलदार को उनके फैसला पर आपत्ति नहीं है.
17 तहसीलदार नये वार्ड में योगदान भी कर लिये हैं. जहां तक निगम के विरुद्ध फैसला लिये जाने की बात है. यह बिलकुल गलत है. मेयर की उपस्थिति में सशक्त स्थायी समिति में अधिकतर सदस्यों ने मुझे तबादला करने का अधिकार दिया था. उस वक्त मैंने लॉटरी से तबादला करने की बात कही थी. जिसकी वीडियोग्राफी नगर निगम के पास है. उसे कोई भी देख सकता है. D

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