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मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड : सुप्रीम कोर्ट ने दिया ब्रजेश ठाकुर की चिकित्सकीय जांच का आदेश

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मुजफ्फरपुर आश्रयगृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की तत्काल चिकित्सकीय जांच कराने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया. न्यायालय ने यह आदेश ब्रजेश ठाकुर के बच्चों द्वारा यह दावा किये जाने के बाद दिया कि उसे पटियाला केंद्रीय जेल में ‘‘शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मुजफ्फरपुर आश्रयगृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की तत्काल चिकित्सकीय जांच कराने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया. न्यायालय ने यह आदेश ब्रजेश ठाकुर के बच्चों द्वारा यह दावा किये जाने के बाद दिया कि उसे पटियाला केंद्रीय जेल में ‘‘शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.” ब्रजेश ठाकुर को उच्चतम न्यायालय के 30 अक्टूबर के आदेश के बाद बिहार के भागलपुर से पंजाब में उच्च सुरक्षा वाले पटियाला जेल स्थानांतरित किया गया था.

मुजफ्फरपुर आश्रयगृह में 30 से अधिक लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया. मुद्दा सबसे पहले तब सामने आया था जब टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) ने बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग को एक आडिट रिपोर्ट सौंपी. 31 मई को ठाकुर सहित 11 व्यक्तियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गयी. ठाकुर ही आश्रयगृह चला रहा था. बाद में जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली और अभी तक 17 व्यक्ति गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

बृहस्पतिवार को मामले को वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष उल्लेखित किया. सिंह ने पीठ के समक्ष छह दिसंबर का एक पत्र रखा जो ठाकुर के दो बच्चों द्वारा ‘‘कथित रूप से लिखा गया है.” पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता भी शामिल हैं. पीठ ने अपने आदेश में उल्लेख किया, ‘‘इस पत्र में यह आरोप लगाया गया है कि ब्रजेश कुमार ठाकुर को उपरोक्त जेल (पटियाला में) शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.”

पीठ ने कहा, ‘‘पत्र में लगाये गये अारोपों को ध्यान में रखते हुए हम पटियाला केंद्रीय जेल के अधीक्षक को निर्देश देते हैं कि वह ब्रजेश ठाकुर को पटियाला स्थित राजिंदर अस्पताल के चिकित्साधीक्षक के समक्ष आज शाम चार बजे पेश करें.” यह भी निर्देश दिया जाता है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या उनके द्वारा अधिकृत अन्य कोई न्यायिक मजिस्ट्रेट शाम चार बजे अस्पताल में मौजूद रहें और चिकित्सा अधीक्षक को ठाकुर की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करना चाहिए.

पीठ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट उसके समक्ष 10 दिसंबर को पेश की जाये जब मामले की अगली सुनवायी होगी. पीठ ने कहा, ‘‘सेक्रेटरी जनरल (उच्चतम न्यायालय के) को निर्देश दिया जाता है कि वे इन आदेशों से पटियाला केंद्रीय जेल के अधीक्षक, राजिंदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और पटियाला के सत्र न्यायाधीश को अवगत करायें ताकि इस आदेश को पटियाला के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को तत्काल अग्रेषित किया जाये.” अदालत ने तब ठाकुर को बिहार से स्थानांतरित करने का आदेश पारित किया था जब सीबीआई ने कहा कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है और भागलपुर जेल में उसके पास मोबाइल फोन मिला था.

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