मुजफ्फरपुर : 44 साल में भी नहीं बन पायी 36 किमी नहर
रवींद्र कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर : तिरहुत नहर योजना के तहत मुरौल प्रखंड के महमदपुर गोखुल से समस्तीपुर के दलसिंहसराय तक 36.4 किलोमीटर नहर का निर्माण 44 साल में भी पूरा नहीं हो सका है. 1974-75 में नहर बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण हुआ था. अब जाकर इस पर काम शुरू हुआ है. फिलहाल 12 किमी […]
रवींद्र कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर : तिरहुत नहर योजना के तहत मुरौल प्रखंड के महमदपुर गोखुल से समस्तीपुर के दलसिंहसराय तक 36.4 किलोमीटर नहर का निर्माण 44 साल में भी पूरा नहीं हो सका है. 1974-75 में नहर बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण हुआ था. अब जाकर इस पर काम शुरू हुआ है. फिलहाल 12 किमी का निर्माण हो रहा है, जिसमें अभी डेढ़ साल और लगेंगे.
तिरहुत नहर वाल्मीकिनगर बराज से निकलती है. वाल्मीकिनगर से मोतिहारी होते हुए महमदपुर गोखुल तक 241 किलोमीटर मुख्य नहर का निर्माण हो चुका है. इससे सिचाई भी हो रही है. शेष 36.4 किलोमीटर का निर्माण होना बाकी है.
सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, इसके लिए वर्ष 1974-75 में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया था. बताया जाता है कि योजना आयोग की आपत्ति पर 1985 में काम रोक दिया गया. फिर वर्ष 2012 में केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी के बाद इसका डीपीआर स्वीकृत हुआ. 36.4 किलोमीटर मुख्य नहर निर्माण को लेकर चार ग्रुपों में टेंडर निकाल कर काम कराने का निर्णय लिया गया.
इसका नाम गंडक फेज टू दिया गया है. यह क्षेत्र पुराने नामकरण के कारण मोतीपुर डिविजन के नाम से जाना जाता है. हालांकि विभाग का यह कार्यालय रामदयालू में है जो तिरहुत नहर अंचल रतवारा के नाम से जाना जाता है.
लागत 1783 करोड़ से बढ़कर 3000 करोड़
मुख्य नहर के साथ इससे निकाले जाने वाले 62 शाखाओं के निर्माण के लिए 1783 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली. इसका अब पुनरीक्षित राशि तीन हजार करोड़ से भी अधिक हो चुका है. 2014 में दो ग्रुप के टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर 2015 में काम शुरू कर दिया गया. बचे दो ग्रुप के टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसमें सिर्फ सरकारी आदेश मिलने पर टेंडर निकालकर काम शुरू करना है.
पहले ग्रुप में महमदपुर गोखुल से मीरापुर तक पांच किलोमीटर व दूसरा मीरापुर से मालपुर अग्रैल तक सात किलोमीटर है. जिन दो ग्रुप का टेंडर होना है उसमें मालपुर अग्रैल से समस्तीपुर के फतेहपुर बाला तक 19 किलोमीटर व फतेहपुर बाला से बथुआ तक 5.4 किलोमीटर है.
कई जगह जमीन पर अतिक्रमण
नहर निर्माण का काम तो शुरू है, लेकिन कई जगहों पर अतिक्रमण बाधक है. अधिग्रहण भूमि को भी कई जगह अतिक्रमित कर लिया गया है. जिस दो ग्रुप में काम चल रहा है उसे जून 2019 तक पूरा कर लिया जाना है, लेकिन काम की गति व अतिक्रमण के कारण समय पर पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है.
वाल्मीकिनगर से महमदपुर गोखुल तक -241 िकमी
शेष 36.4 िकमी का िनर्माण होना बाकी
महमदपुर गोखुल से समस्तीपुर के बथुआ तक मुख्य नहर का निर्माण 36.4 किलोमीटर किया जाना है. इसे चार ग्रुपों में बांटकर काम किया जा रहा है, जिसके दो ग्रुप के 12 किलोमीटर में काम चल रहा है.
हरसिंगपुर लौतन में 400 मीटर में अतिक्रमण है. इस बीच नहर की चौड़ाई कम कर आरसीसी वाल ( सीमेंटेड दीवाल ) बनाकर निर्माण किया जायेगा. मुख्य नहर की कुल चौड़ाई 180 से 190 फीट और अंदर की चौड़ाई 26 फीट है.
सादिकपुर में कुछ अतिक्रमण है जिसे हटाने के लिए कहा जा चुका है. अभी अतिक्रमित जगह के आगे और पीछे का काम चल रहा है. अतिक्रमण हटाने का प्रयास भी जारी है. मुख्य नहर के अलावे 336 किलोमीटर ब्रांच शाखा का निर्माण करना है, उसके सर्वे का काम फिर से कराया जा रहा है.
अनवर जमील ,कार्यपालक अभियंता ,तिरहुत नहर प्रमंडल, मोतीपुर