बीमारी को देखा करूंगा मॉनीटरिंग: हर्षवर्धन

मुजफ्फरपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है, हमने एइएस से पीड़ित बच्चों को देखा. उनके परिजनों से बात की. इलाज करने वाले डॉक्टरों से जानकारी ली है. अब मैं खुद इसकी मॉनिटरिंग करूंगा. जबतक बीमारी के सही कारण का पता नहीं चल जाता है, तबतक मैं खुद अपने स्तर से इसके बारे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2014 11:45 AM

मुजफ्फरपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है, हमने एइएस से पीड़ित बच्चों को देखा. उनके परिजनों से बात की. इलाज करने वाले डॉक्टरों से जानकारी ली है. अब मैं खुद इसकी मॉनिटरिंग करूंगा. जबतक बीमारी के सही कारण का पता नहीं चल जाता है, तबतक मैं खुद अपने स्तर से इसके बारे में जानकारी लेता रहूंगा.

डॉ हर्षवर्धन शनिवार की शाम स्थानीय विधायक सुरेश शर्मा के आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, बीमारी को लेकर गहरायी से रिसर्च की जायेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, देश में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो सकता है. इसके लिए लोगों को

प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है. इस बीमारी को लेकर भी ऐसा ही है. मैंने ये निर्देश दिये हैं, जिन इलाकों में बीमारी का प्रकोप है, वहां के सरकारी डॉक्टरों के साथ निजी डॉक्टरों को भी प्रोत्साहित किया जाये. उन्हें प्रशिक्षण दिया जाये.

लीची के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, लीची बीमारी का कारण नहीं है, लेकिन उस पर जिन कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है, वे कारण हो सकते हैं. इस पर भी अभी काम चल रहा है. इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन मैंने आज जिस तरह से देखा है, उससे मेरी समझ में आ गया है. क्या कहा जा रहा है और क्या हो रहा है, हम चीजों को समझ रहे हैं. अभी उस पर आगे काम करेंगे. हम अगले साल बीमारी फैलने से पहले ही यहां के स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट करेंगे.

स्वास्थ्य के अधिकार के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, केवल कानून से आप कुछ नहीं कर सकते हैं. इसके लिए वैसी स्थितियां पैदा करनी होंगी, जिसमें सच्च स्वास्थ्य व सच्ची शिक्षा मिल सके. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, अभी शिक्षा का अधिकार कानून लागू है, लेकिन कितने बच्चे अब भी स्कूलों में नहीं जा रहे हैं. इसलिए केवल कानून बना देंगे से कुछ नहीं होगा.

एसकेएमसीएच को एम्स के दज्रे के सवाल पर उन्होंने कहा, दर्जा देने से क्या होगा? पहले यहां के हालात को बदलना है. हमने कहा है, मेडिकल कॉलेज की नयी बिल्डिंग बने. हम आगे देखेंगे क्या हो सकता है. साथ ही उन्होंने कहा, अभी सरकार की प्राथमिकता हर प्रदेश में एक एम्स खोलने की है. पहले उसी पर काम किया जायेगा.

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