मुजफ्फरपुर : पूर्व मेयर समीर हत्याकांड – पिंटू सिंह की रिमांड अवधि बढ़ी
मुजफ्फरपुर : पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में रिमांड पर लिए गये ट्रांसपोर्ट पिंटू सिंह का रिमांड अवधि दो दिन और बढ़ा दी है. रविवार को केस के आईओ दारोगा धीरज कुमार ने इसके लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने मुहर लगाते हुए रिमांड की अवधि बढ़ा दी. तीन दिनों से लगातार पूछताछ […]
मुजफ्फरपुर : पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में रिमांड पर लिए गये ट्रांसपोर्ट पिंटू सिंह का रिमांड अवधि दो दिन और बढ़ा दी है. रविवार को केस के आईओ दारोगा धीरज कुमार ने इसके लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने मुहर लगाते हुए रिमांड की अवधि बढ़ा दी. तीन दिनों से लगातार पूछताछ होने के बाद भी पुलिस को कुछ खास सफलता हासिल नहीं हो पायी.
न तो हथियार बरामदगी में सफल हो पायी और ना ही शंभु- मंटू से रिश्ते के बारे में पुलिस के समक्ष कोई खुलासा हुआ है. चर्चा यह भी है कि अब पुलिस पिंटू सिंह से समीर हत्याकांड में शामिल सभी आरोपितों से उनके रिश्ते के बारे में पूछताछ करेगी. साथ ही उसके बैंक अकाउंट व पैसे- लेन देन के बारे में भी जानकारी जुटायेगी.
आका के बारे में जानकारी नहीं दे रहा पिंटू
पूछताछ के दौरान पुलिस पिंटू से इस बिंदू पर भी सवाल कर रही है कि किस आका के कहने पर उसने शूटर गोविंद को एके- 47 दिया था. हालांकि, इस सवाल पर अबतक पिंटू सिंह पुलिस को जवाब नहीं दे पा रहा है. जेल जाने से पहले शूटर गोविंद ने ट्रांसपोर्ट पिंटू सिंह द्वारा हत्या के लिए हथियार मुहैया कराने की बात कही थी.
हत्या में इस्तेमाल बाइक बरामद नहीं
समीर कुमार की हत्या में शूटर गोविंद ने जिस काले रंग की पल्सर बाइक का इस्तेमाल किया था. उसे नगर थाने की पुलिस अबतक नहीं बरामद कर पायी है. बाइक बरामदगी को लेकर केस के आइओ ने वैशाली पुलिस से भी संपर्क किया था. पुलिस मोतीहारी के उस चोर को भी नहीं ढूंढ़ पायी.
रविवार को तीन दिनों का रिमांड समाप्त होने के बाद केस के आईओ ने अवधि बढ़ाने को कोर्ट में दी थी अर्जी
पिंटू की निशानदेही पर हथियार बरामदगी को लेकर तीन दिनों तक इधर- उधर भागती रही पुलिस, नहीं मिली सफलता
शंभु- मंटू से रिश्ते के सवाल पर पुलिस को बरगलाया, हथियार को लेकर भी पुलिस को नहीं बताया सही पता
मोबाइल के कॉल डिटेल से मिले कई सुराग
पिंटू सिंह के मोबाइल के कॉल डिटेल से पुलिस को कई अहम सुराग मिला है. जो समीर हत्याकांड की जांच में पुलिस को फायदा पहुंचा सकती है. पुलिस करीब एक दर्जन मोबाइल नंबरों की सूची तैयार की है.
जिसपर घटना के सात दिन पहले से लेकर हत्या के एक माह बाद तक बातचीत हुई है. पुलिस उन नंबरों का कैफ भी निकाल रही है. जिससे उसके नाम- पते का सत्यापन किया जा रहा है.