मुजफ्फरपुर: निजीकरण के इस दौर में सरकारी संस्थान लगभग मृतप्राय हो चुके हैं. इसके लिए काफी हद तक सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार है. डॉ जगन्नाथ मिश्र ने बरैगनिया से तेनू घाट तक सभी छोटे-छोटे पावर प्लांट को बिहार इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड में शामिल करने का काम किया. पर वर्तमान में एक बार फिर बिजली को एस्सेल जैसी कंपनियों के हाथों में सौंपी दी गयी है. कुछ ऐसा ही हाल बीएसएनएल का भी है.
सरकार की एजेंसियां निजी मोबाइल कंपनियों की रू ट प्रोवाइडर है. उनका नेटवर्क सही काम करता है, पर बीएसएनएल का नेटवर्क नहीं लगता. कुछ ऐसा ही हाल आज शिक्षण संस्थानों का भी हो गया है. यह बातें मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विवि के प्राचार्य डॉ ए अंजुम ने कही. वे मंगलवार को ललित नारायण मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के बीएड विभाग के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार सह वार्षिकोत्सव सह डॉ जगन्नाथ मिश्र का जन्म दिवस समारोह में बोल रहे थे. सेमिनार का विषय था- आधुनिक भारत में शिक्षा: मुद्दे, सरोकार व चुनौतियां. उन्होंने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी व निजी संस्थाएं एक साथ नहीं चल सकती.
सरकारी शिक्षण संस्थानों की हालत काफी दयनीय है. तुर्की बीएड कॉलेज का भवन जजर्र हो चुका है, जो कभी भी गिर सकता है. रेशनलाइजेशन के तहत यदि कक्षाओं में छात्रों की सौ प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कर दी जाये, तो अधिकांश सरकारी कॉलेज बंद हो जायेंगे. शिक्षक, जिन्हें वेतन के रू प में मोटी रकम मिलती है, कक्षाओं में नहीं जाते. ऐसे में निजी शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा मिलना स्वभाविक है. सेमिनार को कटिहार बीएड कॉलेज के प्राचार्य डॉ अजीजुल इस्लाम, एलएन मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के बीएड कॉलेज के प्राचार्य सह विवि एजुकेशन विभाग के डीन डॉ एआर खान व कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ श्यामानंद झा ने भी संबोधित किया. मंच संचालन आइबी लाल व धन्यवाद ज्ञापन एसके पांडेय ने किया.