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मुजफ्फरपुर : 42 मिनट ने बदल दी थी जार्ज फर्नांडिस की जिंदगी, आज होगा अंतिम संस्कार

1977 के लोस चुनाव में सुरेंद्र गिरि ने पहलेजा से बुलेट से मुजफ्फरपुर पहुंचाया नोमिनेशन पेपर मुजफ्फरपुर : वर्ष 1977 में 42 मिनट ने जॉर्ज फर्नांडिस की जिंदगी बदल दी. इसका श्रेय कुढ़नी के बंगरा निवासी सुरेंद्र गिरि को जाता है. उन्होंने पहलेजा घाट से महज 42 मिनट में मुजफ्फरपुर पहुंच कर डीएम के समक्ष […]

1977 के लोस चुनाव में सुरेंद्र गिरि ने पहलेजा से बुलेट से मुजफ्फरपुर पहुंचाया नोमिनेशन पेपर
मुजफ्फरपुर : वर्ष 1977 में 42 मिनट ने जॉर्ज फर्नांडिस की जिंदगी बदल दी. इसका श्रेय कुढ़नी के बंगरा निवासी सुरेंद्र गिरि को जाता है. उन्होंने पहलेजा घाट से महज 42 मिनट में मुजफ्फरपुर पहुंच कर डीएम के समक्ष जॉर्ज का नोमिनेशन पेपर प्रस्तुत किया था. नोमिनेशन पेपर दाखिल होने में सिर्फ चार मिनट बचे थे. तीन बजकर 56 मिनट पर सुरेंद्र ने डीएम के हाथ में पेपर सौंपा और इसके बाद वह वहीं बेहोश होकर गिर गये.
उस वक्त वहां मौजूद शारदामल्ल सहित अन्य लोगों ने उन्हें बाहर लाकर इलाज कराया था. सुरेंद्र गिरि बताते हैं कि 1977 में जॉर्ज को मुजफ्फरपुर से लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए हमलोग एक सप्ताह तक पटना में डटे थे, लेकिन सोशलिस्ट पार्टी ने जॉर्ज का नाम फाइनल करने में काफी देर कर दी थी. नाेमिनेशन के दिन ही दिल्ली से एक आदमी नोमिनेशन फॉर्म लेकर पटना आया था. उस वक्त जॉर्ज जेल में बंद थे.
उन्होंने कहा था कि पहलेजा से नोमिनेशन फॉर्म मुजफ्फरपुर तक ले जाने के लिए सुरेंद्र को देना. मुझे सूचना मिली तो हम मित्र शंकर सिंह को चंद्रहट्टी से साथ ले लिये. हम बुलेट से चले थे कि पहलेजा से मुजफ्फरपुर जल्दी पहुंच जायेंगे.
हालांकि, हमलोगों को इस बात का डर भी था कि कहीं विरोधी पक्ष वाले रास्ते में किसी तरह का अड़चन न लगा दें. पटना से चलने के दौरान एक खाली लिफाफा प्रो विनोदानंद सिंह को दिया गया. उस वक्त यह हल्ला किया गया कि यह जॉर्ज का नोमिनेशन पेपर है, इसे जल्दी लेकर पहुंचे. प्रो विनोदानंद सिंह जीप से खाली लिफाफा लेकर चले. हालांकि, उन्हें भी डर था कि कहीं रास्ते में कुछ हो न जाये. हम नोमिनेशन पेपर लेकर बुलेट से चले. बहुत कम समय बाकी था. कितनी स्पीड से हम बुलेट चला रहे थे, इसका ध्यान नहीं. 42 मिनट होते ही हम डीएम के समक्ष पहुंच गये थे.
उस वक्त नोमिनेशन समाप्त होने में महज चार मिनट बचे थे. डीएम को पेपर देने के साथ ही मैं बेहोश हो गया. प्रो विनोदानंद सिंह हाजीपुर में जीप बदल ली. जिस जीप से वे पहलेजा से चले थे, तुर्की में उसका एक्सीडेंड हो गया.
चुनाव जीतने के बाद जॉर्ज ने कहा, सुरेंद्र तुमने प्रिंस बना दिया
सुरेंद्र गिरि बताते हैं कि 1971 के चुनाव में जॉर्ज से उनकी भेंट हुई थी. उस वक्त दरभंगा से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रामसेवक यादव थे. उनके प्रचार के लिए मैं वहां गया था. जॉर्ज भी वहां पहुंचे थे. जॉर्ज का जहां भी भाषण होता, हम उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाते. उनका मुझ पर बहुत विश्वास भी था.
रामसेवक यादव तो एलएन मिश्रा से चुनाव हार गये, लेकिन जॉर्ज के साथ मेरी दोस्ती गहरी हो गयी. मुजफ्फरपुर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जॉर्ज ने कहा था, सुरेंद्र महल तो किसी और ने बनाया, लेकिन प्रिंस तो तुमने बनाया.
आज होगा जार्ज फर्नांडिस का अंतिम संस्कार
नयी दिल्ली : प्रखर समाजवादी नेता व पूर्व रक्षा मंत्री जाॅर्ज फर्नांडिस का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जायेगा. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार काे भी लोगों का तांता लगा रहा.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, नालंदा के जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री गजपति राजू, कर्नाटक के पूर्व मुख्य मंत्री सिद्धारमैया, एमडीएम नेता वाइको, सतना के सांसद गणेश सिंह, पूर्व सॉलीसिटर जनरल सोली सोराबजी, लोजपा नेता चिराग पासवान, जाॅर्ज के सहयोगी रहे अनिल हेगड़े, शिव कुमार, विवेक चंदन, बिहार के मंत्री श्रवण कुमार, जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार, पूर्व विधायक सुनीलम, रूचिरा गुप्ता, पूर्व मंत्री मंत्री रेणु कुशवाहा, जावेद रजा, जाॅर्ज के सहयोगी रहे विद्यासागर गुप्त, डायनामाइट कांड में जाॅर्ज के साथ आरोपित बनाये गये विजय नारायण, अभिषेक गुप्त, पूर्व विधायक मनोज कुशवाहा, पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा और उनकी पत्नी अदिति जडेजा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सहित बिहार के मुजफ्फरपुर और नालंदा से बड़ी संख्या में आये लोगों ने जॉर्ज को श्रद्धांजलि दी.
गुरुवार को होगा अंतिम संस्कार : जार्ज फर्नांडिस का अंतिम संस्कार किस रीति से किया जाये, इसे लेकर असमंजस की स्थिति थी. उनकी करीबी जया जेटली ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि वह हर रीति रिवाज का सम्मान करते थे. इसलिए उन्हें किसी रीति-रिवाज में नहीं बांधा जा सकता है.
गुरुवार को उनके आवास पर 11 बजे पादरियों की मौजूदगी में प्रार्थना सभा होगी और फिर सेना के ट्रक से उनके पार्थिव शरीर को लोधी रोड स्थित अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया जायेगा, जहां पर तीन बजे उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. शुक्रवार को 11 बजे उनकी अस्थि के राख को पृथ्वीराज रोड स्थित क्रिश्चियन समेंट्री में दफना दिया जायेगा.

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