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कूड़े के ढेर पर फेंका जा रहा मेडिकल कचरा

मुजफ्फरपुर : मेडिकल कचरे को मानक के अनुसार नहीं रखने के कारण बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद निजी अस्पतालों को बंद करा रहा है. सिविल सर्जन को भेजे गये निर्देश में ऐसे अस्पतालों को एक सप्ताह के अंदर बंद कराने को कहा गया है, जबकि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल कचरे के निष्पादन के मानक पर […]

मुजफ्फरपुर : मेडिकल कचरे को मानक के अनुसार नहीं रखने के कारण बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद निजी अस्पतालों को बंद करा रहा है. सिविल सर्जन को भेजे गये निर्देश में ऐसे अस्पतालों को एक सप्ताह के अंदर बंद कराने को कहा गया है, जबकि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल कचरे के निष्पादन के मानक पर बोर्ड व अस्पताल प्रबंधन की नजर नहीं है.

जिला अस्पताल में कूड़े के ढेर पर उपयोग किये हुए सिरिंज, स्लाइन का पाइप व इंजेक्शन के खाली वॉयल फेंके जा रहे हैं. सिविल सर्जन निजी अस्पतालों को बंद कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भेज रहे हैं, लेकिन विभाग के अधीन चलने वाले अस्पतालों में कचरा डिस्पोजल के मानक का ध्यान नहीं रखा जा रहा है.

जिला अस्पताल राज्य स्वास्थ्य समिति से पीपी मोड पर चल रहे मेडिकेयर एजेंसी से कचरा डिस्पोजल के लिए निबंधित है. बावजूद सदर अस्पताल में मेडिकल कचरा निर्धारित बक्से में नहीं फेंक कर कूड़े के ढेर पर फेंका जा रहा है. इससे मरीजों सहित यहां आने वाले लोगों के संक्रमण की संभावना बनी हुई है.

सदर अस्पताल में पानी शुद्धि यंत्र भी नहीं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार नर्सिंग होम को पानी शुद्धि यंत्र इटीपी लगाना है. इससे अस्पताल में उपयोग किये हुआ पानी इस प्लांट से गुजरेगा. प्लांट में लगा मशीन पानी से केमिकल हटा कर इसे शुद्ध करेगा. बोर्ड के नोटिस के बाद शहर के कई नर्सिंग होम में प्लांट लग चुका है, लेकिन 178 बेड वाले अस्पताल में यह प्लांट नहीं लगा है. यहां इलाज के क्रम में उपयोग किया हुआ पानी नाली में जाता है या अस्पताल परिसर में जमा होता है.

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