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मुजफ्फरपुर आश्रय गृह कांड : सीबीआई ने कोर्ट को बताया, अधिकतर पीड़िताएं नाबालिग

नयी दिल्ली : सीबीआई ने मंगलवार को एक अदालत को बताया कि बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले में अधिकतर पीड़िताएं नाबालिग हैं. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने अदालत को बताया कि पीड़िताओं की उम्र का पता लगाने के लिए उनकी हड्डियों की जांच करायी गयी थी जिसमें एक-दो को छोड़कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 5, 2019 10:40 PM

नयी दिल्ली : सीबीआई ने मंगलवार को एक अदालत को बताया कि बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले में अधिकतर पीड़िताएं नाबालिग हैं. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने अदालत को बताया कि पीड़िताओं की उम्र का पता लगाने के लिए उनकी हड्डियों की जांच करायी गयी थी जिसमें एक-दो को छोड़कर सभी की उम्र 18 साल से कम है.

एजेंसी ने अदालत में हड्डियों की जांच रिपोर्ट और पीड़िताओं के अन्य चिकित्सकीय रिकॉर्ड जमा कराएं हैं. उच्चतम न्यायालय ने सात फरवरी को आश्रय गृह यौन उत्पीड़न के मामले को बिहार से यहां साकेत जिला अदालत परिसर में स्थित पोक्सो अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. यह अदालत ‘रोजाना’ सुनवाई करके छह महीने में मुकदमे का समापन करेगी.

बिहार के मुजफ्फरपुर में एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार किया गया था और उनका यौन उत्पीड़न किया गया था. टाटा इंस्ट्टियूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की रिपोर्ट के बाद मामला प्रकाश में आया था. यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपी शाइस्ता परवीन उर्फ मधु, विक्की, हेमा की ओर से वकील पेश हुए.

ब्रजेश ठाकुर की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ आरोप है कि वह आश्रय गृह का असल मालिक है जो वह नहीं है क्योंकि इसका संचालन एक एनजीओ कर रही थी. ठाकुर के वकील ने कहा, ‘‘ आश्रय गृह के खिलाफ आरोप है. आश्रय गृह निजी संस्था नहीं है. यह सरकार की ओर से गठित संगठन है. मैं इसका असल मालिक नहीं हो सकता हूं.’

इस पर न्यायाधीश ने पूछा, ‘ यह किसी की संपत्ति पर है? संपत्ति का मालिक कौन है?’ वकील ने जवाब दिया, ‘ एनजीओ संपत्ति की मालिक है. वकील ने पीड़िताओं के नाम और अन्य विवरणों की मांग की, जिसका सीबीआई ने विरोध किया और कहा कि पीड़िताओं की पहचान का खुलासा करना संभव नहीं है.

इससे पहले सीबीआई ने अदालत को बताया कि ठाकुर के खिलाफ बलात्कार, अपहरण, चोट पहुंचाने के आरोप हैं और कई पीड़िताओं ने उसके खिलाफ गवाही दी है. एजेंसी ने अदालत को बताया था कि 33 पीड़िताओं के बयान दर्ज कियेगये हैं और उनमें से अधिकतर ने ठाकुर के खिलाफ गवाही दी है और यह भी बताया है कि वह उनके साथ बलात्कार करने के लिए लोगों को बाहर से लाता था. सीबीआई ने बताया कि पांच लड़कियों ने नेहा, तीन ने मंजू, 16 ने मीनू और हेमा के खिलाफ बयान दिया है. अदालत ने दलीलों के लिए छह मार्च की तारीख मुकर्रर की.

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