दिव्यांग परीक्षार्थियों को मिलेगा हर घंटे 20 मिनट का अतिरिक्त समय

दिव्यांग की सुविधा के पात्र छात्र-छात्राओं को मिलेगा नियम का लाभ यूजीसी ने जारी की गाइडलाइन, विवि को कड़ाई से पालन का निर्देश मुजफ्फरपुर : कॉलेज स्तर की परीक्षाओं में दिव्यांग परीक्षार्थियों को हर घंटे 20 मिनट का प्रतिपूरक समय दिया जायेगा. यानी, तीन घंटे की परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए एक घंटा अतिरिक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2019 3:46 AM

दिव्यांग की सुविधा के पात्र छात्र-छात्राओं को मिलेगा नियम का लाभ

यूजीसी ने जारी की गाइडलाइन, विवि को कड़ाई से पालन का निर्देश

मुजफ्फरपुर : कॉलेज स्तर की परीक्षाओं में दिव्यांग परीक्षार्थियों को हर घंटे 20 मिनट का प्रतिपूरक समय दिया जायेगा. यानी, तीन घंटे की परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए एक घंटा अतिरिक्त समय मिलेगा.

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को गाइडलाइन भेजते हुए कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. कहा है कि सभी संबद्ध और अंगीभूत कॉलेजों में भी नये नियम का पालन किया जाये. दिव्यांगता की श्रेणी में आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है.

यूजीसी ने अतिरिक्त समय को प्रतिपूरक समय में बदलने का निर्देश दिया है. डिपॉर्टमेंट ऑफ इंपॉवरमेंट ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटी की ओर से परीक्षा नियमों में बदलाव के लिए 29 अगस्त 2018 को यूजीसी को सुझाव भेजा गया था.

इस पर चर्चा के बाद यूजीसी लागू करने को तैयार है. यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ जीएस चौहान की ओर से सभी कुलसचिवों को पत्र भेजा गया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि अतिरिक्त समय सभी दिव्यांग परीक्षार्थियों को मिलेगा, या उसके लिए परीक्षार्थी को आवेदन करना होगा. दरअसल, परीक्षा में सहायक के लिए परीक्षार्थी को आवेदन करना होता है.

सहायक की सुविधा नहीं लेने पर भी लाभ : यूजीसी की गाइडलाइनमें कहा गया है कि सभी उम्मीदवार जो दिव्यांग की सुविधा का लाभउठाने के पात्र हैं, उन्हें तीन घंटे की अवधि की परीक्षा के लिए न्यूनतम एक घंटे के अतिरिक्त समय की अनुमति दी जा सकती है. चाहे वे राइटर/ असिस्टेंट का उपयोग करें या न करें.

पांच मिनट से कम नहीं होगा अतिरिक्त समय : दिव्यांग

परीक्षार्थियों को समानुपात में अतिरिक्त समय का लाभ मिलेगा. परीक्षा की अवधि एक घंटे से कम होने पर भी अतिरिक्त समय की अनुमति दी जा सकती है. यूजीसी की ओर से कहा गया है कि किसी भी हाल में अतिरिक्त समय पांच मिनट से कम नहीं होना चाहिए.

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