नयी दिल्ली/पटना: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिकागृह दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर पर आरोप तय कियागया है. दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ पॉस्को एक्ट, दुष्कर्म के अलावा कई और धाराओं में आरोप तय किया है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर साकेत कार्ट में आज दोपहर सुनवाई हुई.
पांच आरोपियों ने अपने खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं होने का किया दावा
नयी दिल्ली : मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण मामले में आरोपी पांच लोगों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ लगाये आरोपों से इन्कार कर दिया और कहा कि उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. मामले से जुड़े एक वकील के अनुसार, आरोपियों ने उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ के समक्ष यह दलील दी.
वकील शिविका सिंह ने कहा कि आरोपियों ने बताया कि उनके खिलाफ सीबीआई के आरोप झूठे हैं और उन्हें दोषी साबित करने के लिए सबूत भी नहीं हैं. उच्चतम न्यायालय ने सात फरवरी को अधिकारियों को इस मामले को बिहार से दिल्ली में साकेत जिला अदालत परिसर में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अदालत में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे. अदालत को छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करनी है.
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृह में कई लड़कियों का कथित तौर पर बलात्कार और यौन शोषण किया गया था. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद यह मामला प्रकाश में आया. रिपोर्ट के बाद 31 मई 2018 को 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. अब तक इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.