नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कहा कि उसने बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के 23 भूखंड और तीन वाहनों समेत 7.30 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. मुजफ्फरपुर स्थित आश्रय गृह में लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था और उनका यौन उत्पीड़न किया गया था.
एजेंसी ने कहा कि उसने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत ठाकुर की संपत्तियों को कुर्क करने के लिये अस्थायी आदेश जारी किया है. ठाकुर आश्रय गृह को चलाने वाले एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का मालिक था. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, ‘‘26 भूखंड, तीन वाहन, 37 खातों में जमा राशि, म्यूचुअल फंड और बीमा पॉलिसियों में निवेश को मिलाकर कुल 7.30 करोड़ रुपये की चल एवं अचल संपत्तियां कुर्क की गयी हैं. ये संपत्तियां आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके परिवार की हैं.”
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में इस संदर्भ में पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया था. लड़कियों के कथित यौन शोषण का मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में पहली बार प्रकाश में आया था. यह रिपोर्ट अप्रैल 2018 में राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग को सौंपी गयी थी. इस आश्रय गृह को चलाने वाले एनजीओ के मालिक ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ मई 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले की जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गयी थी. चिकित्सीय जांच में आश्रय गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई थी.
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