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बालिका गृह कांड : पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में हुई एक साथ कार्रवाई, ब्रजेश ठाकुर की 7.5 करोड़ की संपत्ति जब्त

इडी ने की बड़ी कार्रवाई पटना : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बुधवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की 7.50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की. हालांकि, इसका बाजार मूल्य 25 से 30 करोड़ के बीच है. जब्त संपत्तियों में 25 अचल (मकान, होटल व प्लॉट), तीन वाहन, 37 बैंक […]

इडी ने की बड़ी कार्रवाई
पटना : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बुधवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की 7.50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की. हालांकि, इसका बाजार मूल्य 25 से 30 करोड़ के बीच है. जब्त संपत्तियों में 25 अचल (मकान, होटल व प्लॉट), तीन वाहन, 37 बैंक खातों में जमा राशि, म्यूचुअल फंड और बीमा पॉलिसियों में निवेश शामिल है. इडी ने यह कार्रवाई प्रिवेंशन आॅफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की है.
ब्रजेश की जो 25 अचल संपत्ति जब्त हुई है, उनमें मुजफ्फरपुर स्थित 10 मकान, 12 प्लॉट व आरएन पैलेस होटल, पटना के अगमकुआं में एक फ्लैट और समस्तीपुर में एक घर शामिल है. ये सभी संपत्ति ब्रजेश के अलावा उसकी मां मनोरमा देवी, बेटा मेहुल आनंद और उसके एनजीओ में काम करने वाली महिला कर्मी संगीता कुमारी के नाम पर हैं.
आरएन पैलेस होटल बेटा मेहुल आनंद के नाम पर है, जबकि वर्तमान में वह मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. जांच में यह भी पता चला कि पढ़ाई के दौरान ही उसके नाम पर करोड़ों की संपत्ति कर दी गयी और उसके एडमिशन में भी मोटी रकम खर्च की गयी थी. उसके मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में मौजूद 37 बैंक खातों में जमा 50 लाख से ज्यादा रकम को भी जब्त कर लिया गया है. ब्रजेश की तीन गाड़ियां भी जब्त हुई हैं, जिनमें फोर्ड इको स्पोर्ट, मारुति अर्टिगा और फोर्स वन शामिल हैं.
तीन समितियों के माध्यम से किया था पूरे पैसे को रूट
इडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि ब्रजेश ने अपनी अवैध कमाई को तीन समितियों या एनजीओ के माध्यम से कई जगहों से घुमाते (रूट) हुए अपने कई खातों में जमा किया था. सबसे ज्यादा उसने ‘सेवा संकल्प विकास समिति’ के माध्यम से ब्लैक मनी को रूट किया है.
यह भी पता चला कि उसकी मां मनोरमा देवी के नाम से कुछ लाख की जो एफडी (फिक्स डिपॉजिट) ले रखी थी, उसके एवज में पहले लोन निकाला, फिर इसी लोन से गाड़ी खरीदी और इसके बाद पूरा लोन कैश देकर बंद कर दिया. वह भी महज नौ से 10 महीने में. इस तरह उसकी गाड़ी और एफडी दोनों रह गयी. इस तरह से उसने कई मामलों में पैसे को ब्लैक से व्हाइट किया है. इतनी बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी कहां से आयी और इसमें उसके अलावा अन्य किसके रुपये थे. इन बातों की फिलहाल गहन जांच चल रही है. जांच के बाद कई मामले सामने आयेंगे.
मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में लड़कियों से कथित तौर पर दुष्कर्म हुआ था और उनका यौनउत्पीड़न किया गया था.यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की रिपोर्ट में पहली बार प्रकाश में आया था. यह रिपोर्ट अप्रैल 2018 में राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग को सौंपी गयी थी. इस बालिका गृह को चलाने वाले एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ मई, 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले की जांच बाद में सीबीआइ को सौंप दी गयी थी. मेडिकल जांच में इस बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के यौनउत्पीड़न की पुष्टि हुई थी.
मुजफ्फरपुर, पटना और समस्तीपुर में हुई एक साथ कार्रवाई
अदालत ने अभ्यारोपण की तारीख 18 मार्च तय की
नयी दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में अभ्यारोपण के लिए 18 मार्च की तिथि तय की है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी आरोपितों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश जारी किया.
कांड के पांच आरोपितों ने सीबीआइ द्वारा उन पर लगाये गये आरोपों से इन्कार किया है और कहा कि उन पर केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इस मामले के अन्य आरोपितों ने अपने विरुद्ध लगे आरोपों से पहले ही इन्कार किया था. आरोपपपत्र में 21 व्यक्तियों के नाम हैं.
सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को इस मामले को बिहार से दिल्ली के साकेत पोक्सो कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. इस अदालत को रोजाना सुनवाई कर छह महीने में इस मामले का निस्तारण करना है. मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार किया गया था और उन पर यौन हमला किया गया था. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा सामने आया था.
पटना : बेगूसराय बालिका गृह की अधीक्षक के खिलाफ वारंट
पटना : पटना हाइकोर्ट ने बेगूसराय बालिका गृह की अधीक्षक के खिलाफ वारंट जारी कर 29 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है. अधीक्षक को बालिका गृह में बंद एक लड़की को कोर्ट में हाजिर कराना था.
हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी बुधवार को न तो लड़की हाजिर हुई और न ही अधीक्षक. न्यायाधीश एस कुमार की एकलपीठ ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. अदालत ने बेगूसराय के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अगली तारीख पर बालिका गृहमें बंद लड़की और अधीक्षक को कोर्ट में हाजिर करें.

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