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पत्रकार हत्याकांड : कोर्ट में आशा ने कहा- जेल में शहाबुद्दीन से मंत्री के मिलने की खबर छपने पर पति को दी गयी थी धमकी

शहाबुद्दीन ने राजदेव को जेल गेट पर बुलाया था, डर से नहीं गये मुजफ्फरपुर : सीवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड में गुरुवार को राजदेव रंजन की पत्नी आशा यादव ने यहां विशेष अदालत में गवाही दी. आशा ने कहा कि तत्कालीन मंत्री अब्दुल गफूर की सीवान जेल में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साथ मुलाकात की […]

शहाबुद्दीन ने राजदेव को जेल गेट पर बुलाया था, डर से नहीं गये

मुजफ्फरपुर : सीवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड में गुरुवार को राजदेव रंजन की पत्नी आशा यादव ने यहां विशेष अदालत में गवाही दी. आशा ने कहा कि तत्कालीन मंत्री अब्दुल गफूर की सीवान जेल में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साथ मुलाकात की तस्वीर व खबर छपने के बाद उनके पति को अंजाम भुगतने की धमकी दी गयी थी. उनके पति को फोन कर शहाबुद्दीन ने जेल गेट पर मिलने के लिए बुलाया था. वह मिलने के लिए नहीं गये थे.

पत्रकार राजदेव रंजन की 13 मई, 2016 की रात सीवान के स्टेशन रोड में अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. आशा के बयान पर मामला दर्ज किया गया था. तब राजदेव एक हिंदी दैनिक के सीवान कार्यालय के ब्यूरो चीफ थे. सीबीआई ने चार्जशीट में हत्या का मुख्य षड्यंत्रकारी पूर्व सांसद को बताया था.

गवाही में आशा यादव ने कहा कि 13 मई, 2016 की घटना है. उस समय मेरे पति हिंदुस्तान दैनिक अखबार में सीवान कार्यालय के ब्यूरो चीफ थे. घटना के दिन प्रत्येक दिन की तरह मेरे पति ऑफिस गये थे. घर में मैं अपने बच्चों के साथ थी. शाम में फोन से किसी ने सूचना दिया कि आपके पति का एक्सीडेंट स्टेशन रोड में हो गया है. इस सूचना पर मैं सदर अस्पताल गयी. वहां पर भीड़ थी. मैं अंदर गयी तो देखा कि मेरे पति की डेड बॉडी पड़ी है.

मुझे लगा कि इसकी शिकायत पुलिस में करनी चाहिए. मै उसी भीड़ में एक आदमी से कागज कलम ली .आवेदन लिख वहां खड़े थानाध्यक्ष प्रियरंजन को दिया. यहीं वह लिखित आवेदन है, जो मेरे लिखावट में है, जिस पर मेरे हस्ताक्षर हैं. कोर्ट में आशा ने कहा कि कोई मंत्री है अब्दुल गफुर, वह सीवान जेल में बंद पूर्व सांसद शाहबुद्दीन से मिलने गये थे. इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुुआ था. इस खबर को अखबार ने छापा था. खबर छपने के बाद मेरे पति को धमकी दी गयी कि इस तरह की खबर छापते हो, अंजाम भुगतने को तैयार रहो. यह बात मेरे पति ने बतायी थी.

जब मैं पति से पूछी कि धमकी देने वाले कौन लोग थे तो मेरे पति ने बताया था कि शाहबुद्दीन के लोग थे. खबर छपने के बाद एक दिन मेरे पति घर पर थे तो उनके मोबाइल पर फोन आया. मैंने पूछा कि किसका फोन है तो मेरे पति बोले कि शहाबुद्दीन का फोन था. हमको जेल पर बुलाया है. मेरे पति जेल पर नहीं गये. उन्होंने मुझे कहा था कि मेरी कभी भी कोई हत्या कर देगा. यह शहर रहने लायक नहीं है. यहां डर का माहौल है. उसके बाद मेरी पति की हत्या कर दी गयी.

पहले भी कई बार हुए थे हमले, धमकी दी गयी

अपनी गवाही में आशा यादव ने कहा कि सितंबर, 1998 में मेरे पति शाम को कार्यालय प्रभारी रवींद्र प्रसाद वर्मा के डेरे पर न्यूज लिख रहे थे, उस दौरान भी अपराधियों ने कार्यालय में घुसकर फायरिंग की थी. एक गोली रवींद्र प्रसाद वर्मा के बायें हाथ में लगी थी.

उस दिन रात्रि में मेरे पति जब देर रात आये तो पूछने पर उन्होंने सारी घटना बतायी थी. मेरे पति के गाड़ी को भी अपराधियों ने तोड़ दिया था. कई बार मेरे पति को ऑफिस से लौटने के दौरान धमकी मिली थी. 2001 में भी मेरे पति को थाना रोड में बाइक सवार ने धमकी दिया कि राजनीतिक लोगों के खिलाफ खबर लिखना छोड़ दो, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. यह बात मेरे पति ने घर आकर बताया था. वर्ष 2005 में अखबार के प्रभारी दुर्गाकांत ठाकुर थे. अपराधियों ने कार्यालय में घुसकर बांस से मेरे पति पर हमला कर दिया था, जिससे उनके पैर में काफी चोट आयी थी.

पैर का ऑपरेशन कराना पड़ा था. लेकिन डर से मेरे पति ने थाने में शिकायत नहीं की. शहर के कांग्रेसी नेता व स्वर्णकार श्री कांत भारती की हत्या कर दी गयी थी. इसकी खबर मेरे पति ने राजनीति लोगों एवं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के विरुद्ध छापी थी. इसके बाद पुनः मेरे पति को थाना रोड में धमकी दी गयी कि इस तरह की खबर छापना बंद करो, नहीं तो अंजाम बुरा होगा.

आरोपितों को देखते फफक पड़ीं आशा यादव

इसके पूर्व पेशी के लिए जेल से आये आरोपी को देखते ही वह कोर्ट में ही फफक-फफक कर रो पड़ीं. तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और भागलपुर जेल से अजहरूद्दीन बेग की पेशी करायी गयी. पेशी के दौरान उन्होंने मुजफ्फरपुर जेल से आये सोनू कुमार, विजय कुमार, राजेश की पहचान की. वही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से पेश पूर्व सांसद शाहबुद्दीन एवं लड्डन मियां की भी पहचान की.

गवाहों के खिलाफ वारंट जारी

सीवान. मंडल कारा में गठित विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय मिश्रा की अदालत ने जेल के अंदर पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के पास से मोबाइल बरामदगी के मामले के गवाह दो तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी, एक जेल अधीक्षक और एक नगर थाने के दारोगा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भेजने का निर्देश जारी किया है.

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