घूस लेना महंगा पड़ा इंस्पेक्टर लाइन हाजिर

अखाड़ाघाट में चार घंटे तक कमरे में रहा बंधक मुजफ्फरपुर : मीनापुर इंस्पेक्टर श्याम बाबू प्रसाद को रिश्वत में दस हजार रुपये लेना महंगा पड़ा. काम नहीं होने पर पैसे लौटाने को लेकर सिवाईपट्टी के हरपाली गांव के कुछ लोगों ने श्याम बाबू को करीब चार घंटे तक एक दुकान में बंधक बनाये रखा. घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2014 6:27 AM

अखाड़ाघाट में चार घंटे तक कमरे में रहा बंधक

मुजफ्फरपुर : मीनापुर इंस्पेक्टर श्याम बाबू प्रसाद को रिश्वत में दस हजार रुपये लेना महंगा पड़ा. काम नहीं होने पर पैसे लौटाने को लेकर सिवाईपट्टी के हरपाली गांव के कुछ लोगों ने श्याम बाबू को करीब चार घंटे तक एक दुकान में बंधक बनाये रखा. घटना नगर थाना क्षेत्र के अखाड़ाघाट रोड में हुई. शिकायतकर्ता शिवजी ने नगर थाना में इंस्पेक्टर के खिलाफ आवेदन दिया है. शिवजी का आरोप है

घूस लेना महंगा

कि इंस्पेक्टर ने केस को मजबूत करने के नाम पर रिश्वत ली थी. एसएसपी ने आरोपित इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया है.

– क्या है घटना :

सिवाईपट्टी के हरपाली गांव के शिवजी शर्मा ने डीएसपी नगर को बताया कि मेरे माता, पिता व भाई के साथ 25 अप्रैल को मारपीट की घटना हुई थी. उनके माथा पर दाब (धारदार हथियार) से वार किया गया था. उनके परिजन एक सप्ताह तक अस्पताल में भरती थे. इस मामले में सिवाईपट्टी थाना (कांड संख्या 45/2014) में मामला दर्ज कराया था. इंस्पेक्टर श्याम बाबू प्रसाद ने मुङो फोन कर सिकंदरपुर स्थित डेरा पर बुलाया. कहा, 15 हजार रुपये दो, केस को मजबूत कर दिया जायेगा, अन्यथा कमजोर होगा.

आरोपित बच जायेंगे. बाद में 10 हजार रुपये देने को कहा. हमने दो बार पांच-पांच हजार रुपये उन्हें दिये. इसके बाद भी उन्होंने केस से पांच लोगों का नाम हटाते हुए धारा 307 व 379 हटा दिया. इस पर मैंने पैसे वापस करने की मांग की तो उन्होंने शनिवार को मुझे डेरा पर बुलाया. मैं शनिवार के बजाय रविवार को उनके डेरा पर सुबह 7.30 गया. उन्होंने कहा, 10 बजे आना व अकेले आना. मैं जब 10 बजे इंस्पेक्टर साहब के आवास पर पहुंचा तो वे अपने एक रिश्तेदार से पांच हजार रुपये मुङो दिलवा रहे थे. हमने उनसे दस हजार रुपये की मांग की तो उन्होंने कहा, बाद में देंगे. लेकिन मैं पैसे वापस लेने की मांग पर अड़ा रहा.

इसके बाद मेरे साथ मारपीट की गयी. इसके बाद मैंने अपनी पत्नी, सास, वार्ड पार्षद राम किशोर ठाकुर व अपने मकान मालिक को फोन कर वहां बुला लिया. लोगों को देख इंस्पेक्टर अपने रिश्तेदार के माध्यम से 10 हजार रुपये लौटाने को कह कर गौरी शंकर जी के ऑफिस में घुस गये और ऑफिस को अंदर से बंद कर दिया. घटना की सूचना पर एसएसपी के आदेश पर डीएसपी नगर अनिल कुमार सिंह नगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे. शिवजी ने नगर डीएसपी से कहा कि सर आप उन्हें गिरफ्तार करें व ऑफिस से निकाल कर थाना ले चलें. लेकिन डीएसपी शिकायतकर्ता शिवजी को मामला दर्ज कराने के लिए नगर थाना ले गये. इंस्पेक्टर श्याम बाबू प्रसाद दो बजे तक उसी दुकान में ही दुबके रहे. ऑफिस मालिक ने बाहर से शटर गिरा कर ताला बंद कर दिया ताकि लोग समङों कि इंस्पेक्टर चले गये. बाद में एक मोटरसाइकिल पर इंस्पेक्टर श्याम बाबू वहां से निकले.

वजर्न

शिवजी शर्मा ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है. हमने उस आवेदन को एसएसपी साहब के यहां भेज दिया है. उनके आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

अनिल कुमार सिंह, डीएसपी नगर

वजर्न

मैं जून के प्रथम सप्ताह में ही केस का सुपरविजन कर चुका था. इसके बाद भी दोबारा सुपरविजन कर केस को जबरन ट्रू करने के लिए दबाव डाला जा रहा था. इसके लिए रिश्वत लेने को भी कहा जा रहा था. मैंने इंज्यूरी रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर अनुसंधान किया है.

श्याम बाबू प्रसाद, इंस्पेक्टर, मीनापुर

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