मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में महिला बंदी से यौन शोषण का आरोप जांच में झूठा पाया गया है. किसी दूसरे व्यक्ति ने जेल प्रशासन को बदनाम करने के लिए साजिश के तहत महिला बंदी के नाम से पत्र लिखा था. जिस महिला बंदी के नाम से आवेदन भेजा गया था, उसके हस्ताक्षर का भी मिलान कराने कराया गया,तो वह गलत पाया गया. महिला व उसके पति व बेटी का भी बयान लिया गया, लेकिन उन्होंने अपने बयान में सीधे इस तरह की घटना से इनकार किया.
बिहार सरकार कारा एवं सुधार विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को एक पत्र जारी कर कहा कि जेल में महिला बंदी से यौन शोषण की शिकायत के बाद पीएमओ से मामले में संज्ञान लेने के बाद इसकी जांच का आदेश दिया था. डीएम ने पांच महिला अधिकारियों की विशेष टीम गठित कर मामले की जांच करायी. जांच टीम ने जेल पहुंचकर छानबीन की थी. महिला बंदियों के अलावा जेलर, जेल अधीक्षक का बयान लिया गया. सभी ने ऐसी घटना को बेबुनियाद बताया. इसके बाद डीएम ने पूरी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेज दी थी.