मुजफ्फरपुर : तीखी धूप और उमस भरी गर्मी के बीच जानलेवा बने चमकी बुखार की वजह से पिछले 24 घंटों में एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती 13 बच्चों की मौत हो गयी है. वहीं 41 बीमार बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें एसकेएमसीएच में 35 और केजरीवाल अस्पताल में छह बच्चे भर्ती हुए हैं. एइएस के प्रोटोकॉल के तहत इनका इलाज हो रहा है. उधर, समस्तीपुर में भी शुक्रवार को दो की मौत हो गयी. इस तरह इस साल अब तक 82 बच्चों की मौत हो चुकी है.
इधर, बीमारी से मौत और पीड़ितों की बढ़ रही संख्या को लेकर पटना मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक चल रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर निदेशक प्रमुख डॉ आरडी रंजन, राज्य वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ एमपी शर्मा व राज्य जेई एईएस के नोडल समन्वयक संजय कुमार ने एसकेएमसीएच में पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. इन अधिकारियों ने दो राउंड चारों पीआईसीयू का जायजा लिया. निदेशक प्रमुख ने बताया कि जेई के चार पीड़ित मरीज मिले हैं. इंसेफेलाइटिस से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई. जो भी बच्चे मरे हैं, उनमें हाइपोग्लेसिमिया और सोडियम पोटैशियम की चमकी-तेज बुखार कमी थी. तेज धूप के साथ आर्द्रता इसमें बहुत बड़ा कारण है.
उधर, विभूतिपुर के आलमपुर निवासी राजेश कुमार की आठ वर्षीय पुत्री डॉली कुमारी की मौत चमकी बुखार से हो गयी. परिजनों ने उसे शुक्रवार की सुबह सदर अस्पताल में भर्ती कराया था़ बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया, लेकिन एंबुलेंस में ही बच्ची की मौत हो गयी़ जिले में पिछले पांच दिनों में इस बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या अब छह हो गयी है़ शुक्रवार को तेज बुखार की शिकायत पर ताजपुर के माधोपुर दिघरुआ निवासी मो सहजाद की डेढ़ साल की पुत्री सोहरत परवीन को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. आलमपुर कोदरिया पंचायत वार्ड 10 निवासी राजेश महतो की 7 वर्षीय पुत्री की मौत हो गयी. बताया जाता है कि उसे इलाज के लिए दरभंगा रेफर किया गया था.
इन बच्चों की हुई मौत
एसकेएमसीएच में मीनापुर की आठ वर्षीय कामिनी कुमारी, सिमरा पीयर की चार वर्षीय अंजली कुमारी, राजा पाकर की तीन वर्षीय खुशी कुमारी, सीतामढ़ी की तीन वर्षीय मुस्कान, सीतामढ़ी की तीन वर्षीय स्वाति, हथौड़ी के तीन वर्षीय सितांशु व माेतिहारी के चार वर्षीय नीरज कुमार की मौत हो गयी. वहीं केजरीवाल अस्पताल में जिन दो बच्चों की मौत हुई है, उनमें कांटी के चार वर्षीय प्रिंस कुमार व पूर्वी चंपारण राजेपुर के 11 महीने की अनुष्का कुमारी.
एसकेएमसीएच में 35 बच्चे भर्ती
साहेबगंज के पांच वर्षीय शिव शंकर कुमार, शिवहर के चार वर्षीय रोहन कुमार, मनियारी के चार वर्षीय गोलू कुमार, कांटी की आठ वर्षीय रिया कुमारी, मीनापुर की चार वर्षीय आरजू खातून, बेला मुजफ्फपुर की तीन वर्षीय हेलना खातून, वैशाली की चार वर्षीय ज्योति कुमारी, सरैया की चार वर्षीय अंजली कुमार, कांटी की आठ वर्षीय मुस्कान, अहियापुर की आठ वर्षीय ललिता कुमारी, मुशहरी की दो वर्षीय शिवानी कुमारी, पटियासा अहियापुर की तीन वर्षीय सलोनी कुमारी, कांटी की सात वर्षीय कंचन कुमारी, मीनापुर की पांच वर्षीय संध्या कुमारी, रुन्नीसैदपुर के तीन वर्षीय शिवम कुमार, हथौड़ी के एक वर्षीय रौनक कुमार, मीनापुर के तीन वर्षीय रूपेश कुमार, सीतामढ़ी की तीन वर्षीय मुस्कान कुमारी, अहियापुर के चार वर्षीय विकास कुमार, गोरौल वैशाली के तीन वर्षीय प्रिंस कुमार, मोतीपुर की छह वर्षीय सलौनी कुमारी, मोतीपुर की सात वर्षीय समीदा खातून, कांटी के छह वर्षीय मोनू कुमार, सीतामढ़ी की पांच वर्षीय स्वाति कुमारी, सकरा की तीन वर्षीय खुशी कुमारी, गायघाट के छह वर्षीय राहुल कुमार, हरका मीनापुर के आठ वर्षीय राहित कुमार, हथौड़ी की तीन वर्षीय सितांशु कुमारी, अहियापुर के तीन वर्षीय विवेक कुमार, शिवहर के पांच वर्षीय विक्की कुमार, मोतीपुर के सात वर्षीय नीशु कुमार, मोतिहारी के आठ वर्षीय सुदीश कुमार, कांटी की चार वर्षीय शिवानी कुमारी, अहियापुर की छह वर्षीय नंदनी कुमारी, अहियापुर के 11 महीने के प्रियांशु कुमार को पीआईसीयू में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
केजरीवाल अस्पताल में छह बच्चे भर्ती
कांटी के तीन वर्षीय सत्यम कुमार, सरैया के दो वर्षीय शिवम कुमार, कुढ़नी की तीन वर्षीय नंदनी कुमारी, मोतीपुर के पांच वर्षीय नीशु कुमार, अहियापुर के दो वर्षीय विवेक कुमार, औराई के तीन वर्षीय सतांशु कुमार को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
20 दिनों में 57 मौत : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुजफ्फरपुर में 20 दिनों में 57 बच्चों की मौत हो गयी है. अभी 66 बच्चों का इलाज चल रहा है. कुछ आईसीयू में भर्ती हैं. मरीज के परिजन इलाज से संतुष्ट हैं.
बीमारी की कोई एक वजह नहीं, जागरूकता से बचेगी जान : मंत्री
मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार से बच्चों की हुई मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस जानलेवा बीमारी की कोई एक वजह नहीं है. पिछले दस साल में हुए रिसर्च में चिकित्सक ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता ही हथियार है. केंद्रीय टीम के फीड बैक के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सूबे के 12 जिलों में बीमारी से बचाव के लिए जल्द एडवाइजरी जारी करेंगे. स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार की सुबह पीड़ित बच्चों को देखने एसकेएमसीएच पहुंचे थे. चिकित्सकों एवं अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि हर बच्चे की जिंदगी अनमोल है. उनकी जान बचाने के लिए सरकार गंभीर है. पहले से निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत बच्चों का इलाज हो रहा है. अस्पताल में इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. केजरीवाल अस्पताल में भी बच्चों का इलाज चल रहा है. सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था की गयी है. लाइन ऑफ ट्रीटमेंट पर उठाये गये सवाल पर कहा कि दिल्ली से पहुंची चिकित्सकों की टीम ने भी माना है कि इलाज सही तरीके से हो रहा है. वैसे सरकार प्रयास कर रही है कि रिसर्च में बीमारी को लेकर एक मत बने. इसी सिलसिले में मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की है. उनको बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है. यह पूछे जाने पर कि बीमारी से बचाव को लेकर पहले से तैयारी नहीं की गयी थी, मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है. इलाज की पूरी तैयारी थी. अचानक 22 मई से बच्चे बीमार होने लगे. प्रेस वार्ता के दौरान डीएम आलोक रंजन घोष के अलावा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव कौशल किशोर, निदेशक प्रमुख आरडी रंजन मौजूद थे.