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चमकी बुखार : जांच रिपोर्ट देखने के बाद हर्षवर्धन का एलान, एसकेएमसीएच में 100 बेडों का पीआइसीयू व रिसर्च सेंटर खुलेगा

मुजफ्फरपुर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन रविवार को करीब चार घंटे एसकेएमसीएच में भ्रमण कर पीड़ित बच्चों की पूरी जांच रिपोर्ट देखी. इलाज व बचाव को लेकर डॉक्टरों के साथ समीक्षा करने के बाद उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच में 100 बेडों का बच्चों का आइसीयू (पीआइसीयू), बीमारी पता लगाने के लिए एक्सक्लूसिव रिसर्च सेंटर […]

मुजफ्फरपुर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन रविवार को करीब चार घंटे एसकेएमसीएच में भ्रमण कर पीड़ित बच्चों की पूरी जांच रिपोर्ट देखी. इलाज व बचाव को लेकर डॉक्टरों के साथ समीक्षा करने के बाद उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच में 100 बेडों का बच्चों का आइसीयू (पीआइसीयू), बीमारी पता लगाने के लिए एक्सक्लूसिव रिसर्च सेंटर व बायरोलॉजी लैब की स्थापना होगी.
ये सारे काम एक साल के अंदर पूरा होना है. बायरोलॉजी लैब जल्द चालू होगा. इसके लिए केंद्र सरकार तकनीकी व आर्थिक रूप से बिहार सरकार को पूरा सहयोग करेगी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को इसके लिए पूरा एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है. एसकेमएसीएच में अब अंतराष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर खुलेगा, जिसमें देश के डॉक्टरों को रिसर्च में विदेशी डॉक्टरों की टीम सहयोग करेगी.
पीएचसी होगा हाइटेक, एक्सपर्ट डॉक्टर की नियुक्ति
डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि इस बीमारी का स्पष्ट कारण अब तक पता नहीं चल पाया है. लेकिन इतना जरूर है कि जो बच्चे बीमार हुए है, उनमें 85% बच्चों में लक्षण एक ही तरह के हैं. गर्मी व ऊमस के साथ बच्चों में इलोक्ट्रोलइड की कमी कॉमन लक्षण है. इस स्थिति में बच्चों को प्राथमिक इलाज सही तरीके से देने पर बच्चों की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए मैंने सलाह दी है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को हाइटेक बनाएं. एक विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति करें. बीमार बच्चों को पीएचसी में ग्लूकोज का एक आइबी बोनस दिया जाये ताकि अस्पताल तक आने में उनके प्राण की रक्षा की जा सके. इसके साथ ही बीमारी के जोन वाले इलाके में पीएचसी को अपग्रेड कर 10-10 बेडों का एक आइसीयू बनाने की आवश्यकता है.
जिन्हें हमने खो दिया, उसके प्रति संवेदना
मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि विषम परिस्थिति में भी डॉक्टरों ने बेहतर इलाज किया है. मृत बच्चों के प्रति संवदेना जाहिर करते हुए कहा कि जिनको हमने खो दिया है उनके माता पिता व परिजन के प्रति हमें दुख है.
लेकिन जो बच्चों इलाज में है वह स्वस्थ होकर लौटे इसके लिए हमारी मेडिकल टीम पूरा प्रयास करती रहेगी. केंद्रीय मंत्री के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, डीएम आलोक रंजन घोष, एसकेएमसीएच के अधीक्षक सुनील कुमार शाही, सीएस शैलेश प्रसाद सिंह सहित अन्य मौजूद थे.

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