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चमकी बुखार : 400 पीड़ित बच्चों के घरों का आज से होगा सर्वेक्षण, सीएम ने कहा- एसकेएमसीएच में अतिरिक्त डॉक्टरों की करें तैनाती

मुजफ्फरपुर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानलेवा बने चमकी बुखार और एइएस से पीड़ित बच्चों को देखने मंगलवार को एसकेएमसीएच पहुंचे. उन्होंने कहा कि बीमारी से बचाव के लिए ग्रास रूट स्तर पर काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र का एन्वायरमेंटल स्टडी कराने, प्रभावित परिवारों का आर्थिक व सामाजिक अध्ययन कराने […]

मुजफ्फरपुर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानलेवा बने चमकी बुखार और एइएस से पीड़ित बच्चों को देखने मंगलवार को एसकेएमसीएच पहुंचे. उन्होंने कहा कि बीमारी से बचाव के लिए ग्रास रूट स्तर पर काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र का एन्वायरमेंटल स्टडी कराने, प्रभावित परिवारों का आर्थिक व सामाजिक अध्ययन कराने और इसके आधार पर ऐसे इलाके के लिए एक्शन प्लान बनाने को कहा. उन्होंने कहा कि 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध हों, इसके लिए अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित होनी चाहिए.
प्रतिदिन के क्रियाकलापों और वर्तमान स्थिति के संदर्भ में अस्पताल में मीडिया ब्रीफिंग का समय निर्धारित करने का निर्देश अस्पताल अधीक्षक को दिया.मुख्यमंत्री ने पीड़ित बच्चों को देखा और उनके परिजनों से बातचीत की. इसके बाद अस्पताल परिसर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने 50 साल पुराने एसकेएमसीएच के रिनोवेशन करने और अस्पताल की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा. एसकेएमसीएच 2500 बेडों का बनेगा.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार को तत्काल 890 बेड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे फिलहाल अस्पताल 1500 बेडों का हो जायेगा. दूसरे फेज में इसकी क्षमता 2500 बेडों की कर दी जायेगी. उन्होंने अस्पताल परिसर में धर्मशाला का निर्माण कराने के लिए कहा, ताकि मरीज के साथ उनके परिजन को ठहरने व इलाज कराने में सुविधा हो.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र की एन्वायरमेंटल स्टडी कर इस बात का विश्लेषण करना होगा कि इससे बचाव के लिए प्राकृतिक और तकनीकी तौर पर क्या कुछ किया जा सकता है.
गर्मी में अक्सर मच्छर गायब हो जाते हैं, लेकिन उच्च तापमान, गंदगी और आर्द्रता के कारण अगर प्रभावित इलाकों में मच्छर बढ़ जाते हैं, तो उसका समाधान भी करना होगा. उन्होंने कहा कि बीमार बच्चों के घर के वातावरण का आकलन भी कराएं. कहीं पेयजल गुणवत्ता तो प्रभावित नहीं है, उसकी भी मॉनीटरिंग करायी जाये.
करीब दो घंटे तक अस्पताल में रहने के दौरान सीएम ने इलाजरत बच्चों के संबंध में अस्पताल अधीक्षक और डॉक्टरों से विस्तृत जानकारी ली. पीआइसीयू और जेनरल वार्ड में जाकर बच्चों के परिजनों से भी बात की.
उन्हें भरोसा दिलाया कि इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जायेगी. वार्ड के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने अस्पताल के सेमिनार हॉल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, अस्पताल के अधीक्षक, प्राचार्य और डॉक्टरों के साथ हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की. बेहतर इलाज के संबंध में कई दिशा-निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिजनों से बात करने पर यह जानकारी मिली कि भूख नहीं लगने के कारण रात में बच्चा बिना भोजन किये ही सो गया.
सुबह में उनकी तबीयत खराब हो गयी. इसे गंभीरता देखना होगा कि कहीं दिन में ही उसकी ऐसी स्थिति तो नहीं हो गयी थी, जिसके कारण बच्चे को रात में भूख महसूस नहीं हुई. सामाजिक-आर्थिक अध्ययन के साथ-साथ साफ-सफाई के लिहाज से उनके घरों के वातावरण का भी आकलन करना होगा. प्रभावित इलाके में पेयजल कहीं गुणवत्ता प्रभावित तो नहीं है, उसकी भी मॉनीटरिंग कराना जरूरी है.

सीएम के निर्देश
-प्रभावित इलाकों की एन्वायरमेंटल स्टडी कराएं
-पीड़ित परिवारों का सामाजिक-आर्थिक सर्वे कराकर कार्ययोजना तैयार करें
-प्रभावित क्षेत्रों के पेयजल की गुणवत्ता को भी देखें
-यदि मच्छर बढ़ गये हैं तो उसका समाधान करें
-बच्चों की स्थिति के बारे में रोज तय समय पर मीडिया को जानकारी दें
-दो साल में एसकेएमसीएच का रिनोवेशन 2500 बेडों की क्षमता
तत्काल 890 बेड बढ़ाने का निर्देश
धर्मशाला भी बनेगी, अतिरिक्त संख्या में डॉक्टर होंगे तैनात
पटना : 2500 बेडों का होगा एसकेएमसीएच, कैंपस में बनेगी धर्मशाला
400 पीड़ित बच्चों के घरों का आज से शुरू होगा सर्वेक्षण : मुख्य सचिव
पटना : मुख्यमंत्री के साथ मुजफ्फरपुर का दौरा कर पटना लौटे मुख्य सचिव दीपक कुमार और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मंगलवार को बताया कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार व एइएस से पीड़ित बच्चों के घरों का सर्वेक्षण का काम बुधवार से शुरू हो जायेगा. दोपहर दो बजे सूचना भवन में उन्होंने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों व विशेषज्ञों से बातचीत के बाद भी बीमारी के किसीएक कारण का पता नहीं चल पाया है.
इसे देखते हुए सरकार ने पीड़ित बच्चों के परिवार के सामाजिक व आर्थिक स्थिति की जांच के लिए टीम गठित की है. यह टीम पीड़ित परिवारों के घरों में साफ-सफाई की स्थिति और आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करेगी. सरकार की कोशिश है कि बच्चों की मौत के किसी एक कारण की तलाश की जाये. इसके बाद उसे दूर करने की पहल की जायेगी.
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर दौरे में अस्पताल में भर्ती हर बच्चे के पास जाकर बीमारी की जानकारी ली.
उनके परिवार से पूछताछ किया. इलाज को लेकर अभिभावकों की ओर से किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है. पूछताछ में यह जानकारी मिली कि देर से अस्पताल पहुंचने के कारण कुछ बच्चों की मौत हुई है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि बीमारी की हालत में कोई भी निजी वाहन से भी बच्चे को अस्पताल ला सकता है.
उसको 400 रुपये का भुगतान किया जायेगा. इससे बच्चों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने में कोई परेशानी नहीं होगी. लोगों से अपील की गयी है कि वह अपने बच्चे को भूखे पेट नहीं सोने दें. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पीएमसीएच व डीएमसीएच से आठ डाक्टरों की वहां पर तैनाती की जा रही है.
उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर में बीमार बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी एसकेएमसीएच के अधीक्षक हर दिन तीन या चार बजे देंगे. स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव हर दिन पांच बजे बच्चों के स्वास्थ्य की बुलेटिन जारी करेंगे. उन्होंने बताया कि वहां पर बीमारी के अनुसंधान के लिए पुणे व चेन्नई के विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है.

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