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17 डॉक्टरों की टीम पहुंची एसकेएमसीएच, सीएम के दौरे के बाद चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज की सुविधा में सुधार

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज करने के लिए 17 शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम की प्रतिनियुक्ति की गयी है. यह डॉक्टरों की टीम, एम्स पटना व दिल्ली एम्स, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना सिटी, पटना मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इसके अलावा बच्चों […]

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज करने के लिए 17 शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम की प्रतिनियुक्ति की गयी है. यह डॉक्टरों की टीम, एम्स पटना व दिल्ली एम्स, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना सिटी, पटना मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
इसके अलावा बच्चों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने चाइल्ड हेल्थ के पांच शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम को एसकेएमसीएच में प्रतिनियुक्त किया है. इसकी सूचना बुधवार को एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही व प्राचार्य डॉ विकास कुमार ने दी है.
अधीक्षक ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन के आदेश पर यह पहल हुई. मंत्री से शिशु रोग विशेषज्ञ व पीआईसीयू के एक्सपर्ट तकनीकी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की मांग अविलंब की गयी थी. इसके आलोक में भारत सरकार यह व्यवस्था की है. उन्होंने बताया कि टीम में 17 शिशु रोग विशेषज्ञ व पांच पीआईसीयू के लिए पारामेडिकल स्टाफ प्रतिनियुक्त हुए हैं.
उन्होंने कहा कि 12 डॉक्टरों की टीम बुधवार से बच्चों का इलाज शुरू कर दिया है. पांच डॉक्टरों की टीम गुरुवार से बच्चों का इलाज करेगी. यह टीम चमकी बुखार का प्रकोप रहने तक यह टीम एसकेएमसीएच में रहेगी. डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति से मौत में कमी आ सकती है. स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है. इससे भी अच्छी कामयाबी मिली है. जितना जल्दी हो, अगर बच्चे एसकेएमसीएच आ जायेंगे, तो 80 फीसदी बच्चों की जिंदगी बच जायेगी. अभी एक सप्ताह से इलाज में सीनियर व जूनियर डॉक्टरों की मदद ली जा रही है.
अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला जारी, अबतक 372 मरीज आये, 118 को मिली छुट्टी

अब मरीज बेड नहीं मांग रहे, बच्चों का इलाज करने को कह रहे
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में फैले चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के परिजन अब एसकेएमसीएच में अलग बेड नहीं देने को कह रहे हैं, बल्कि वे अपने बीमार बच्चों को इलाज करने की बात कह रहे हैं. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही भी इस बात की पुष्टि करते है कि जिस तरह से बच्चे बीमार होकर एसकेएमसीएच पहुंच रहे हैं, उस अनुपात में बेड कम पड़ रहा है. किसी भी परिजनों ने शिकायत नहीं की है कि एक बेड पर दो या तीन बच्चों को रख कर इलाज क्यों कर रहे हैं? परिजन अब बेड पर दो बच्चों के रखने के बाद भी इलाज सही से करने की बात कह रहे हैं.
डॉ सुनील कुमार शाही ने कहा कि हर दिन बीमार होकर बच्चों का आने का सिलसिला थम नहीं रहा है. 30 से ज्यादा बच्चे हर दिन आ रहे हैं. अभी तक बीमार होकर 378 बच्चे अस्पताल पहुंच चुके हैं. इनमें से 142 बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर चले गये हैं, जबकि 62 बच्चों को पीआईसीयूआइ से निकाल कर शिशु वार्ड में शिफ्ट किया गया है. इन्हें गुरुवार को घर भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी पीआईसीयूआइ में 68 बच्चों का इलाज चल रहा है. एसकेएमसीएच में 19 दिनों में 95 बच्चों की मौत हो चुकी है.
जिला प्रशासन ने रद्द की अफसरों की छुट्टी
मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार से बच्चों की लगातार हो रही मौत के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. सभी पदाधिकारियों की छुट्टी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गयी है. ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम को युद्धस्तर पर चलाने के लिए दस प्रखंडों में वरीय उपसमाहर्ता एवं चिकित्सा पदाधिकारी 28 जून तक कैंप करेंगे. डीएम आलोक रंजन घोष ने बुधवार को इस मसले पर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि प्रखंड में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियोंं को अगले दस दिन तक मुख्यालय प्रखंड में ही रहना होगा. एइएस या चमकी बुखार से संबंधित आपात स्थिति को देख प्रभावित बच्चों के अग्रिम चिह्नीकरण, जागरूकता, बचाव एवं उपचार के बारे में बताएं. संबंध में सामान्य उपाय के बारे बताने के लिए कहा गया है.
सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ समन्वय कर न केवल इस बीमारी को लेकर किये जा रहे कार्यों का मॉनीटरिंग करेंगे, बल्कि स्वयं गावों-टोलों-मुहल्लों में जाकर अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे.
प्रखंड के अंतर्गत विभिन्न प्रभावित पंचायतों का संयुक्त रूप से दौरा करेंगे. इस क्रम में लोगों को एइएस या चमकी बुखार की पहचान एवं इसके लक्षण, बीमारी से बचाव के लिए सामान्य उपाय एवं सावधानियां जैसे क्या करें क्या नहीं करें एवं अन्य सतर्कता मूलक उपायों आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे. पदाधिकारी अपने प्रखंड के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियो के साथ आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, आशा, एवं एएनएम की टीम बना कर सघन रूप से क्षेत्र का भ्रमण करेंगे.
बीमार बच्चों की पहचान के बाद उन्हें तत्काल पीएचसी ले जाने का निर्देश दिया गया. सभी पदाधिकारी अपने काम की रिपोर्ट डीएम को उपलब्ध करायेंगे.
विशेष सचिव व कार्यपालक निदेशक कैंप करेंगे : स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव कौशल किशोर व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेश मनोज कुमार को मुजफ्फरपुर भेज दिया गया है. विशेष सचिव कौशल किशोर देर रात मुजफ्फरपुर पहुंच गये जबकि कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार सुबह से वहां पर कार्यभार संभाल लेंगे.
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के लिए खुला अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज में देरी न हो, इसके लिए अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर खोला गया है. यह काउंटर 24 घंटे खुला रहेगा. इसके साथ ही जो भी बच्चे आयेंगे, उनका रजिस्ट्रेशन अगर नहीं हो पा रहा है, तो इसकी शिकायत वे अधीक्षक से करेंगे.
अधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही ने कहा कि बच्चों को भर्ती कराने के लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान पिछले एक महीने से अफरातफरी मची रहती थी. रजिस्ट्रेशन में लंबी लाइन होने के कारण बच्चों को भर्ती होने में भी देरी होती थी.
इधर कारण बच्चे की हालत बिगड़ती चली जाती थी. कभी-कभी रास्ते में ही बच्चे दम तोड़ देते थे. बुधवार से बच्चों के लिए एक अलग से स्पेशल काउंटर खोला गया है. इसके खुलने से जल्दी से रजिस्ट्रेशन होने के बाद बच्चों को फौरन इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया जायेगा, ताकि उसका इलाज जल्दी से शुरू हो सके.

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